नई दिल्ली: 'टूलकिट मामले' की जांच के सिलसिले में दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने दिल्ली और गुरुग्राम में ट्विटर के कार्यालयों का दौरा करने के एक दिन बाद कांग्रेस ने इसे 'रिवर्स इन्वेस्टिगेशन' का मामला बताते हुए आलोचना की.
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं ने 'झूठी और गलत सूचना' दी है इसलिए उनके खिलाफ जांच होनी चाहिए.
इस मामले पर बोलते हुए कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता और महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, 'हम सभी ने 'पॉट कॉलिंग द केटल ब्लैक' (उल्टा चोर कोतवाल को डांटे) के बारे में सुना है. अब भाजपा सरकार और दिल्ली पुलिस ने फर्जी टूलकिट मामले में इसे साबित कर दिया है. यह भाजपा है और इसके प्रवक्ता, जिन्होंने ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जाली दस्तावेज डालने के लिए जालसाजी की है तो इसके लिए किसे दोषी ठहराया जाना चाहिए?'
'ट्विटर सामने लाए सच्चाई ताकि लोगों को पता चल सके'
सुरजेवाला ने कहा कि 'यह 'रिवर्स इन्वेस्टिगेशन' का क्लासिक मामला है, जब दिल्ली पुलिस भाजपा के कार्यालय पर छापा मारने के बजाय अपने आतंकवाद विरोधी सेल के साथ ट्विटर पर छापा मार रही है. क्या मोदी के 'न्यू इंडिया' में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता आ गई है? इसलिए हमने पूछा है कि क्या ट्विटर केंद्रीय मंत्रियों के ट्वीट को 'मैनिपुलेटेड मीडिया' (छेड़छाड़ किए हुए तथ्यों) घोषित करेगा, ताकि सच्चाई सामने आए और लोगों के सामने रखी जाए.'
इससे पहले आज सुरजेवाला ने सोशल मीडिया दिग्गज ट्विटर को एक पत्र भी लिखा था, जिसमें टूलकिट मामले के संबंध में कई केंद्रीय मंत्रियों के ट्वीट लिंक साझा किए गए थे. उन ट्वीट्स पर 'मैनिपुलेटेड मीडिया' का टैग लगाने का आग्रह किया गया था.
इन मंत्रियों के ट्वीट लिंक किए थे साझा
उन्होंने गिरिराज सिंह, पीयूष गोयल, स्मृति ईरानी, रविशंकर प्रसाद, प्रह्लाद जोशी, धर्मेंद्र प्रधान, रमेश पोखरियाल निशंक, थावरचंद गहलोत, डॉ. हर्षवर्धन, मुख्तार अब्बास नकवी और गजेंद्र सिंह शेखावत के ट्वीट लिंक साझा किए थे. ट्वीट को 'मैनिपुलेटेड मीडिया' (छेड़छाड़ किए हुए तथ्य) घोषित करने की मांग की थी.