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poster politics in Congress session of Raipur: रायपुर कांग्रेस अधिवेशन से पहले पोस्टर पर गर्माई राजनीति ! - रायपुर कांग्रेस अधिवेशन

छतीसगढ़ में कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन होने वाला है. कांग्रेस अपने 85 वें अधिवेशन की जोर शोर से तैयारी में जुटी है. शहर पूरी तरह से पोस्टरों से भरा पड़ा है. लेकिन शहर में लगे इन पोस्टरों को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए हैं. क्योंकि शहर में लगे ज्यादातर फ्लैक्स में कई जगहों पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की तस्वीरें बेहद ही छोटी लगाई गई है, जबकि राहुल गांधी और सोनिया गांधी की तस्वीरें बड़ी लगी हुई है. ऐसे में भाजपा ने कांग्रेस पर हमला बोलना शुरू कर दिया है. भाजपा आरोप लगा रही है कि कांग्रेस अब भी एक ही परिवार के भरोसे चल रही है.

poster politics in Congress session of Raipur
रायपुर कांग्रेस अधिवेशन

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Published : Feb 21, 2023, 9:26 PM IST

कांग्रेस अधिवेशन पर पोस्टर राजनीति हावी

रायपुर: राजधानी रायपुर में कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन की तैयारियां जोरों पर है. भाजपा नेता गौरी शंकर श्रीवास ने आरोप लगाया है कि "जैसा वृक्ष होगा वैसा ही इनका फल होगा. इनके यही संस्कार है. न ही वरिष्ठता का ना प्रोटोकॉल का किसी प्रकार का पालन हो रहा. अनुशासन नाम की चीज कांग्रेस में है ही नहीं. एक परिवार से आज तक उबर नहीं पा रहे हैं. अपने से बड़ों को किस प्रकार से स्थान देना है. इस प्रकार की सभ्यता का परिचय यह कभी नहीं दे पाएंगे. क्योंकि आज भी इनकी जो राजनीति का केंद्र है. वह गांधी परिवार है. उससे ऊपर उठ नहीं पाए हैं."

पोस्टर वार पर जानकारों की राय

"गांधी परिवार के सामने अपना नंबर बढ़ाने की चल रही कवायद": भाजपा नेता गौरी शंकर श्रीवास ने आरोप लगाया है कि "गांधी परिवार के सामने किस प्रकार से कैसे अपना नंबर बढ़ाएं, इसलिए यह तमाम प्रकार की कवायद यहां हो रही है. पिछले 4 साल में जो संपत्ति भ्रष्टाचार के माध्यम से इनके नेताओं ने अर्जित की है. उसी का प्रदर्शन कर रहे हैं, बड़े-बड़े पोस्टर लगाए जा रहे हैं, होर्डिंग लगाई जा रही है, पैसा कहां से आ रहे हैं? यह पैसा छत्तीसगढ़ियों का पैसा है. यह लूट का पैसा है. जिस पर प्रवर्तन निदेशालय लगातार दबिश दे रही है. आप भी समझ सकते हैं कि कांग्रेस का अधिवेशन नहीं यह शक्ति प्रदर्शन का अधिवेशन हो रहा है."

पोस्टर पर खड़गे को जगह नहीं मिलने पर तंज: श्रीवास ने कहा कि" एक दूसरे को निपटाने की कवायद चल रही है. इतने बड़े इनके राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं खड़गे जी उनको बेइज्जत किया जा रहा है. पोस्टर में स्थान नहीं है. पीसीसी अध्यक्ष का कोई स्थान नहीं है. वो तो हम लोगों ने इस मामले का खुलासा किया तो छोटा सा कहीं पर उनका फोटो लगाकर खानापूर्ति की जा रही है तो राजनीति में एक सुचिता होनी चाहिए वह कांग्रेस में कहीं भी दिखाई नहीं देती है. ना इनकी पार्टी में संस्कार है. ना सुचिता है और ना ही मर्यादा है. वास्तव में इसलिए कांग्रेस धीरे-धीरे समाप्ति की ओर अग्रसर हो रही है. "



कांग्रेस का क्या है कहना:कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि "देखिए भाजपा छत्तीसगढ़ में हताशा के दौर से गुजर रही है. भाजपा के पास मुद्दा नहीं है और भाजपा के नेता इतने खाली बैठे हुए हैं कि कांग्रेस के महाधिवेशन के पोस्टर लगाए जा रहे हैं, उसे घूम घूम कर गिनती कर रहे हैं. यह चेक कर रहे हैं कि किसकी फोटो छोटी है और किसकी फोटो बड़ी है. इससे ज्यादा हास्यास्पद क्या हो सकती है. भाजपा को इस प्रकार की ओछी राजनीति करने के बजाए यह बताना चाहिए कि देश की जनता को रसोई गैस की कीमत में कब राहत मिलेगा. युवाओं को नरेंद्र मोदी की सरकार रोजगार कब देगी, जो अडानी का फर्जीवाड़ा है, उसके विषय में भाजपा को अपनी राय रखनी चाहिए."

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क्या कहते हैं राजनीतिक जानकर: वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक जानकार उचित शर्मा कहते हैं "इस अधिवेशन में पोस्टर वार देखने को मिला है. जिसमें अपने प्रदेश अध्यक्ष को ही साइड लाइन कर दिया गया था. बाद में उनके छोटे-छोटे पोस्टर चस्पा किए जा रहे हैं. एयरपोर्ट में इस तरह की तस्वीरें सामने आई है, लेकिन यह बात भी सही हैं कि आप के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे साहब की बड़ी-बड़ी फोटो के बजाए सोनिया गांधी, राहुल गांधी की फोटो लग रही हैं. यह संगठन की थोड़ी सी कमजोरी है. इनके राष्ट्रीय अध्यक्ष की फोटो बड़ी लगनी चाहिए. बजाय जो अध्यक्ष नहीं है, तो कहीं न कहीं यह झलकता है कि एक परिवार के प्रति पूरा संगठन समर्पित है. संगठन एक तरफ है और परिवार एक तरफ है. यह झलक दिखाई देती है."

प्रदेश स्तर के नेताओं की फोटो भी नदारद: छतीसगढ़ में राष्ट्रीय कांग्रेस अधिवेशन में गुटबाजी भी सामने आ रही है. यह गुटबाजी पोस्टर के माध्यम से दिखाई दे रही है. प्रदेश स्तर के बड़े नेताओं की बात की जाए तो 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद सीएम के दावेदार रहे वर्तमान में मंत्री टीएस सिंह देव की तस्वीरें भी नदारद हैं. कुछ अन्य बड़े नेताओं की भी तस्वीरें दिखाई नहीं दे रही है, जो अपने आप में गुटबाजी की दास्तां बयां कर रही है.

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