नई दिल्ली :भारतीय राजस्व सेवा अधिकारी संघ (Indian Revenue Service Officers Association) ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि उसके अधिकारी अत्यधिक व्यथित हैं कि सेवानिवृत्ति के बाद कार्यकाल के विस्तार की मांग निहित स्वार्थ और पैरवी करने को बढ़ावा देती है, जो राजस्व संग्रह के पेशेवर आचरण और कर चोरी की रोकथाम के अभियान के लिये नुकसानदेह है. संघ ने कहा कि इसके अलावा सेवारत अधिकारियों को ऐसे सेवानिवृत्त अधिकारियों द्वारा शुरू किए गए कर नीति मॉडल के निर्बाध रूप से जारी रखने में भारी दबाव का सामना करना पड़ता है, जो सिविल सूची में नहीं हैं.
संघ के अध्यक्ष नरेश पेनुमका द्वारा लिखे गए पत्र में कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) द्वारा पिछले साल सीबीआईसी सदस्य को दिए गए विस्तार का उल्लेख है. एसीसी की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं. उन्होंने 30 जून के पत्र में कहा कि आपके संज्ञान में यह लाना है कि कई सेवारत आईआरएस अधिकारियों ने मुझे बताया है कि सीबीआईसी के कुछ और सदस्यों को सेवानिवृत्ति के बाद सेवा विस्तार / पुनर्नियुक्ति दिए जाने की संभावनायें व्यक्त की गई हैं.
विशाखापत्तनम क्षेत्र के प्रधान मुख्य आयुक्त पेनुमका (Principal Chief Commissioner of Visakhapatnam Region Penumka) ने कहा कि इस संबंध में मैं विनम्रतापूर्वक कहना चाहता हूं कि सेवानिवृत्ति के बाद कार्यकाल का विस्तार कैडर को हतोत्साहित करता है, क्योंकि पदोन्नति की पूरी श्रृंखला अवरुद्ध हो जाती है, वह भी तब जब पर्याप्त योग्य अधिकारी पदोन्नति के लिए उपलब्ध हों.