देहरादून : भारत सरकार उत्तराखंड को एक ऐसा राष्ट्रीय स्तर का संस्थान देने जा रही है, जिसके जरिए न केवल किसानों को उन्नत किस्म के पौधे मिलेंगे बल्कि राज्य के युवाओं को संस्थान के जरिए रोजगार का बेहतर अवसर भी मिलेगा. खास बात ये है कि ये संस्थान एक तरह का पौधों का क्वारंटाइन सेंटर होगा. इसमें हर विदेशी पौधे को अपना क्वारंटाइन पीरियड पूरा करना होगा.
उत्तराखंड में अब विदेशों से आयात होने वाले विभिन्न प्रजाति के पौधों से बीमारी का खतरा नहीं रहेगा. केंद्र सरकार इसके लिए उत्तराखंड में पोस्ट एंटी क्वारंटाइन सेंटर स्थापित करने जा रही है. इस पोस्ट एंटी क्वारंटाइन सेंटर में विदेशी पौधों को अपना क्वारंटाइन पीरियड पूरा करना होगा. साथ ही उद्यान और कृषि से जुड़े वैज्ञानिकों की रिसर्च और इलाज से भी गुजरना होगा.
बता दें कि करीब एक साल से भारत सरकार उत्तराखंड में इस पहले पोस्ट एंटी क्वारंटाइन सेंटर को स्थापित करने की कोशिशों में जुटी हुई है. राज्य सरकार की तरफ से खुद कृषि मंत्री सुबोध उनियाल भी केंद्रीय स्तर पर कई दौर की बातचीत कर चुके हैं.
खास बात ये है कि लंबे वक्त से करीब 20 एकड़ भूमि इसके लिए तलाश की जा रही थी. जानकारी के मुताबिक, टिहरी जिले में इसके लिए भूमि की तलाश कर ली गई है.
केंद्र सरकार के निर्देश के आधार पर ही नोडल अफसर की तैनाती भी की गई है. राज्य सरकार की तरफ से संयुक्त निदेशक डॉ. रतन कुमार को इसका नोडल अधिकारी बनाया गया है.
जानकारी के तहत इस सेंटर को तैयार करने के रूप में करीब 100 करोड़ का निवेश किया जाएगा. इसमें बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार भी मिलेगा, साथ ही किसानों को उन्नत किस्म के पौधे भी मिल सकेंगे.