देहरादून :विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए अन्नकूट पर्व के मौके पर आज विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए है. इसके बाद मां गंगा के दर्शन आगामी 6 महीने तक मुखबा (मुखीमठ) में कर सकेंगे. जिसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. हालांकि, इस बार कोरोना का असर चारधाम यात्रा पर भी पड़ा है. गंगोत्री धाम की बात करें तो अभी तक 43,041 और यमुनोत्री धाम में 14,089 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं.
गंगोत्री धाम के कपाट विधि-विधान के साथ हुए बंद. गंगोत्री धाम के कपाट 6 माह के लिए आज 30 गते कार्तिक शुक्ल पक्ष में अन्नकूट पर्व पर दोपहर 12:15 मिनट पर विशेष पूजा-अर्चना के बाद बंद कर दिए गए है. उसके बाद मां गंगा की डोली आर्मी बैंड और ढोल-दमाऊ के साथ अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा के लिए रवाना हो गई है.
गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया. पढ़ेंःफूलों से सजा बदरीधाम, सुबह से चल रही माता लक्ष्मी की विशेष पूजा
गंगोत्री धाम के पुरोहित और श्रद्धालु मां गंगा की डोली को पैदल कंधे पर लेकर मुखबा गांव से 3 किमी पहले मार्कण्डेय मंदिर पहुंचेंगे. जहां पर मां गंगा की डोली रात्रि विश्राम करेगी. यहीं पर श्रद्धालु रात्रि में भजन-कीर्तन का आयोजन करते हैं. वहीं, 16 नवंबर को मां गंगा की डोली मुखबा अपने शीतकालीन गद्दी पर विराजमान होगी.
गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में पहुंचे श्रद्धालुओं की संख्या. गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में श्रद्धालुओं की संख्या-
16 नवंबर को बंद होंगे यमुनोत्री धाम के कपाट
उधर, यमुनोत्री धाम के कपाट 16 नवंबर को बंद होंगे. जिसके बाद मां यमुना के दर्शन श्रद्धालु शीतकाल में खरसाली (खुशीमठ) में कर सकेंगे. हालांकि, कोरोना संक्रमण का असर चारधाम यात्रा पर भी पड़ा. अनलॉक प्रक्रिया के तहत छूट मिलने के बाद श्रद्धालुओं ने गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के दर्शन किए. दोनों धामों की बात करें तो अभी तक 57,130 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं.