दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

पोंगल पर मदुरै में जल्लीकट्टू प्रतियोगिता, युवाओं ने की जोर आजमाइश

पोंगल के मौके पर तमिलनाडु के कई जिलों में जल्लीकट्टू प्रतियोगिता का आयोजन किया गया.

Jallikattu competition
Jallikattu competition

By

Published : Jan 14, 2022, 8:18 AM IST

Updated : Jan 14, 2022, 4:59 PM IST

तमिलनाडु :पोंगल के अवसर पर राज्य के कई इलाकों में जल्लीकट्टू प्रतियोगिता हो रही है. मदुरै के अवनियापुरम क्षेत्र में जल्लीकट्टू प्रतियोगिता में काफी संख्या में युवाओं ने भाग लिया. इस दौरान कई लोगों को चोटें आईं .

जल्‍लीकट्टू (Jallikattu) तमिल नाडु के ग्रामीण इलाक़ों का एक परंपरागत खेल है जो पोंगल त्यौहार पर आयोजित कराया जाता है और जिसमे बैलों से इंसानों की लड़ाई कराई जाती है. जलीकट्टू तमिल के दो शब्द जली और कट्टू से जोड़कर बनाया गया है. तमिल में जल्ली का अर्थ है सिक्के की थैली और कट्टू का अर्थ है बैल की सींग. जल्लीकट्टू को तमिलनाडु के गौरव तथा संस्कृति का प्रतीक कहा जाता है.

जल्लीकट्टू प्रतियोगिता

यह 2000 साल पुराना खेल है जो उनकी संस्कृति से जुड़ा है. जल्लीकट्टू को तीन फॉर्मेट में खेला जाता है, जिसमें प्रतिभागी तय समय के भीतर बैल को कंट्रोल करते हैं और उसकी सींग में बनी सिक्कों की थैली हासिल करते हैं. फॉर्मेट के नाम वाटी मंजू विराट्टू, दूसरा वेलि विराट्टू और तीसरा वाटम मंजूविराट्टू हैं. पुराने समय में येरुथाझुवुथल से भी जाना जाता था.

इस दौरान बैलों को उकसाने के लिए कई अमानवीय व्यवहार की शिकायत के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस पर 2014 में प्रतिबंध लगा दिया था. 2017 में तमिलनाडू सरकार ने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 में संशोधन करने के लिए "सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और बैल की देशी नस्लों के अस्तित्व और निरंतरता को सुनिश्चित करने" के लिए एक कानून बनाया. इसके बाद जल्लीकट्टू आयोजन पर प्रतिबंध भी समाप्त हो गया.

पढ़ें : मकर संक्रांति आज, ऐसे करें पूजा और जानें शुभ मुहूर्त

Last Updated : Jan 14, 2022, 4:59 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details