नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने संसद सुरक्षा चूक मामले के आरोपियों का पॉलीग्राफ, नार्को और ब्रेन मैपिंग करने का आदेश दिया है. साथ ही कोर्ट ने सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत 8 दिन और बढ़ाने का आदेश दिया.
आज सभी आरोपियों की पेशी के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा कि विशेषज्ञों के मुताबिक इन सभी का मनोवैज्ञानिक परीक्षण करना आवश्यक है. दो आरोपियों मनोरंजन और सागर के लिए भी हमें नार्को करना होगा. तब कोर्ट ने कहा कि पुलिस ने आरोपियों के पॉलीग्राफ, नार्को टेस्ट और ब्रेन मैपिंग के लिए भी अर्जी दी है. इसलिए विधिक सहायता प्राधिकार के वकील से आरोपियों को इस मसले पर बात करने को कहा.
उसके बाद मामले में आरोपी सागर शर्मा और मनोरंजन ने पॉलीग्राफी, नार्को और ब्रेन मैपिंग टेस्ट कराए जाने की सहमति दी. जबकि, ललित झा, महेश कुमावत और अनमोल ने पॉलीग्राफी टेस्ट के लिए सहमति दी. नीलम आजाद ने पॉलीग्राफी टेस्ट के लिए सहमति देने से इनकार कर दिया. 28 दिसंबर 2023 को आरोपियों को पेश करते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा था कि सभी आरोपियों से यह पूछा जाए कि क्या वह पॉलीग्राफी टेस्ट के लिए तैयार हैं. दिल्ली पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ यूएपीए की धारा 16ए के तहत केस दर्ज किया है.
बता दें, 13 दिसंबर को संसद की विजिटर गैलरी से दो आरोपी चैंबर में कूद गए थे. कुछ ही देर में एक आरोपी ने डेस्क के ऊपर चलते हुए अपने जूतों से कुछ निकाला और अचानक पीले रंग का धुआं निकलने लगा. इस घटना के बाद सदन में अफरातफरी मच गई. हंगामे और धुएं के बीच कुछ सांसदों ने इन युवकों को पकड़ लिया और इनकी पिटाई भी की. कुछ देर के बाद संसद के सुरक्षाकर्मियों ने दोनों युवकों को कब्जे में ले लिया. संसद के बाहर भी दो लोग पकड़े गए जो नारेबाजी कर रहे थे और पीले धुआं छोड़ रहे थे.