नई दिल्ली : कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने आगाह किया है कि जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, वहां कोरोना की दूसरी लहर आ सकती है.
आईएमए ने कहा कि अगर विधानसभा चुनाव के किसी भी उम्मीदवार ने कोरोना प्रोटोकॉल की अवहेलना की तो उसकी उम्मीदवारी रद्द कर देनी चाहिए.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. जेए जयलाल ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि कोरोना के बढ़ते मामले चिंता का कारण है और आने वाले चुनाव से मामले बढ़ सकते हैं. इस स्थिति में, सामाजिक प्रतिबंधों को सरकार द्वारा सख्ती से लागू करने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि टीकाकरण के लिए लोगों को आगे आना चाहिए. जिन राज्यों में चुनाव होने हैं, वहां कोरोना के नए मामले तेजी से सामने आ रहे हैं.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, कर्नाटक, गुजरात और तमिलनाडु में पिछले 24 घंटों में 85 प्रतिशत नए कोरोना के मामले सामने आए हैं.
डॉ. जयलाल ने कहा कि चुनाव अभियान या रैली के दौरान सामाजिक दूरी सुनिश्चित करना आवश्यक है.
उन्होंने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि राजनीतिक बैठकों में सामाजिक दूरी बनाई जाए. पूर्वी और पश्चिमी देशों में देखा गया है कि लॉकडाउन में दी गई छूट और सामाजिक दूरी न बनाए जाने के चलते कोरोना की दूसरी लहर आई है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के आने से दूसरी लहर पहली लहर की तुलना में ज्यादा खतरनाक हो सकती है.
डॉ. जयलाल ने कहा कि फिलहाल कोरोना की दूसरी लहर नहीं आई है. सरकार को कोविड-19 के नए दिशानिर्देशों को लागू करने चाहिए. सरकार अच्छी तरह से बुनियादी ढांचे से लैस है, लेकिन इसे ठीक से काम करने की आवश्यकता है.
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उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में लोगों को एकत्रित नहीं होना चाहिए और सार्वजनिक सभाएं आयोजित नहीं होनी चाहिए. अगर यह सब हो रहा है, तो लोगों के लिए टीकाकरण प्रमाणपत्र अनिवार्य किया जाना चाहिए.
विडंबना यह है कि बिहार में पिछले आम चुनाव के दौरान, कोविड-19 के उचित प्रोटोकॉल जारी किए जाने के बावजूद, लोगों ने इसका पालन नहीं किया. डॉ. जयलाल ने कहा कि हमारे देश में राजनीतिक सभाओं के आयोजन को रोकना मुश्किल हो सकता है, लेकिन सरकार को इसे सख्त कार्रवाई के साथ सुनिश्चित करना चाहिए. उन्होंने सुझाव दिया कि चुनाव उम्मीदवारों को टीका लगाया जाना चाहिए.
बता दें कि चुनाव आयोग ने आगामी विधानसभा चुनाव आयोजित करवाने वाले सभी कर्मचारियों को 'फ्रंटलाइन वर्कर्स' की श्रेणी में रखा है और उन्हें टीका लगवाना अनिवार्य है.