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Politics on Biran Mala: छत्तीसगढ़ में बीरन की माला पर राजनीति, बीजेपी ने इसे बताया सोने की माला, सीएम भूपेश ने किया पलटवार - Biran Mala chhattisgarh

कांग्रेस राष्ट्रीय अधिवेशन में अतिथियों के स्वागत को लेकर अब राजनीति तेज हो गई है. बीजेपी ने दावा किया था कि सीएम भूपेश बघेल ने अतिथियों के स्वागत के लिए जो माला उनके गले में डाली थी.वो सोने की बनी हुई थी. इस दावे को लेकर सोशल मीडिया में सरकार को घेरना शुरु किया गया था. लेकिन अब सीएम भूपेश बघेल ने बीजेपी के इस दावे की पोल खोल दी है. Biran Mala chhattisgarh

Politics regarding Biran Mala
छत्तीसगढ़ में बीरन की माला पर राजनीति

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Published : Feb 27, 2023, 5:20 PM IST

Updated : Feb 27, 2023, 8:52 PM IST

छत्तीसगढ़ में बीरन की माला पर राजनीति

रायपुर : कांग्रेस राष्ट्रीय अधिवेशन में स्वागत के दौरान एक माला पहनाई जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ. दावा किया जा रहा है कि यह शुद्ध सोने की माला है. जो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल होने के लिए आने वाले नेताओं को पहनाई है. इस माला की हकीकत आज खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया के सामने बयां की है. क्या ये माला सोने की थी इस बात से भी सीएम भूपेश बघेल ने पर्दा उठाया है.


सीएम भूपेश बघेल का पलटवार :सीएम भूपेश बघेल ने बताया कि " भाजपा का जो सेल है अफवाह फैलाना वाला वह सक्रिय रहता है हमेशा , वह गणेश जी को पूरे देश में दूध पिला देता है. यह अफवाह फैलाने में बहुत माहिर हैं. जो हमारे प्रिमिटिव ट्राइब्स हैं वह विशेष प्रकार के घास से बने हुए माला बनाते हैं. भाजपा को यह डॉ रमन सिंह से ही पूछ लेना चाहिए उन्हीं के गृह जिले का है. मैंने मोहम्मद अकबर से कहा था कि ऐसे तो फूल माला से हम स्वागत बहुतों का करते हैं. लेकिन क्या प्रिमिटिव ट्राइब्स के यहां जो माला बनती है उसे मंगवा सकते हैं क्या. उन्होंने वह माला मंगवाई. हमने उससे सभी का स्वागत किया.अब भाजपा उसे सोने का बता रही है. वह सोने से भी ज्यादा कीमती है. यह दूसरे जगह नहीं मिलेगी जो सिर्फ छत्तीसगढ़ में मिलती है."


सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं मैसेज :बता दें कि सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल करते हुए एक यूजर ने लिखा था कि "लगता है, छत्तीसगढ़ में आलू से सोना बहुत ज़्यादा बन गया है,इसलिए मुख्यमंत्री महोदय ने सभी अतिथियों का स्वागत सोने की चैन पहना कर किया,परम्परागत तो टीका लगा के, हाथ जोड़ के, फूल से स्वागत होता है"

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कहां बनाई जाती है माला :कबीरधाम जिले में विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति निवास करती है.जनजाति का विशेष आभूषण माला है. इस माला का नाम बिरन माला है. आदिवासी इसे इसी नाम से जानते हैं. विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति के प्रदेश अध्यक्ष इतवारी राम मछिया बैगा ने बताया कि ''यह बीरन माला बैगा जनजातियों के श्रृंगार आभूषणों में एक है. यह माला खिरसाली नाम के पेड़ के तने और सूता खण्ड नाम के घास से बनाई जाती है.इस माला को बनाने में बहुत परिश्रम लगता है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली राज्य सरकार छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति और परंपराओं को सहजने का विशेष प्रयास कर रही है. सरकार के इस प्रयास से प्रदेश में निवासरत विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति की सांस्कृतिक विरासत को नई पहचान मिल रही है.

कैसे बनती है बीरन की माला: बीरन माला को बैगा समाज के विशेष पिछड़ी जनजाति बनाती है. यह 2 प्रकार के सामान से बनता है. पहला है खिरसाली नाम का पेड़ और दूसरा है सूतकहर घास. बीरन माला किरसाली पेड़ की डंगाल और सूतकहर घास से तैयार किया जाता है. कांग्रेस का दावा है कि इस माला से अतिथियों का स्वगात करने से छत्तीसगढ़ की परंपरा को बढ़ावा मिला है.

Last Updated : Feb 27, 2023, 8:52 PM IST

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