रायपुर:नक्सली चुनौती के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए मंगलवार को रायपुर में यूनिफाइड कमांड की बैठक हुई, जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. केंद्र और राज्य के बलों में समन्वय को लेकर हुई यह बैठक भी सियासत से दूर नहीं रह पाई. यहां भी क्रेडिट लेने की होड़ साफ नजर आई. पिछले हफ्ते दुर्ग में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में नक्सल मुक्त अभियान का लेखा जोखा रखकर वोटरों को साधने की कोशिश की. इसके जवाब में सीएम बघेल ने 650 गांवों को नक्सलियों से मुक्त कराने का दावा ठोंक दिया है.
पिछले हफ्ते लिखी गई क्रेडिट लेने की पटकथा:विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर दोनों प्रमुख दल अभी से पूरा जोर लगा रहे हैं. पिछले हफ्ते दुर्ग में एक रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले नौ वर्षों में छत्तीसगढ़ के बस्तर के कुछ इलाकों को छोड़कर देश में वामपंथी उग्रवाद पर काबू पा लिया है. मंगलवार को रायपुर में यूनिफाइड कमांड की बैठक के बाद सीएम भूपेश बघेल ने इस पर पलटवार करते 650 गांवों को नक्सल मुक्त कराने का क्रेडिट प्रदेश सरकार को दिया. सीएम बघेल ने कहा कि "आज यही बैठक में इसे और आगे बढ़ाने के लिए मीटिंग में बात हुई. साथ ही आने वाले चुनाव में सारे दल के लोग और राजनेता लोग आएंगे, उनकी सुरक्षा किस तरह कराया जाए, इस बात पर भी चर्चा हुई."
विकास, विश्वास और सुरक्षा के साथ बढ़ रहे आगे:सीएम बघेल ने कहा कि "विकास, विश्वास और सुरक्षा की त्रिवेणी को लेकर हम आगे बढ़े, जिसका सुखद परिणाम यह है आज नक्सली गतिविधियों में बेहद कमी आई है. दूसरी बात यह है हमने करीब 75 कैंप खोले हैं. पहले सिर्फ बफर जोन में कैंप खोलते थे, आज कोर सेक्टर में सुकमा जैसे जिलों में 23 कैंप हमने खोले हैं. इसके कारण अबूझमाड़ जैसे इलाके में आदिवासियों को पट्टा दिया गया और वहां खेती भी शुरू है."