पटना: चुनावी रणनीतिकारप्रशांत किशोरबिहार के राजनीतिक अखाड़े में कूद चुके हैं. प्रशांत किशोर फिलहाल जनता की नब्ज टटोलने में जुटे हैं. पदयात्रा के जरिए प्रशांत किशोर जनता के बीच जा रहे हैं और जनता को अपने पक्ष में गोल बंद करने की कोशिश कर रहे हैं. बिहार में एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधी लड़ाई है. प्रशांत किशोर दोनों गठबंधन की आलोचना करते आ रहे थे, लेकिन अब प्रशांत किशोर के एक बयान ने बिहार की सियासत में हलचल पैदा करती है.
'बीजेपी के पास 50% से कम वोट' : प्रशांत किशोर ने कहा है कि मेरी विचारधारा और कांग्रेस की विचारधारा करीब है. पीके ने यह भी कहा कि "भाजपा को हराया जा सकता है. आज की तारीख में भी भाजपा के पास 50% से कम वोट है". बता दें कि प्रशांत किशोर अब तक दोनों ही गठबंधन की आलोचना कर रहे थे. प्रशांत किशोर पिछले 30 साल के शासनकाल को बिहार के अंदर कोस रहे थे, लेकिन अब कांग्रेस से नजदीकियों की खबर ने बिहार के सियासतदानों को उलझन में डाल दिया है.
'बीजेपी अजेय नहीं':प्रशांत किशोर का मानना है कि भाजपा अजेय नहीं है. भाजपा को भी हराया जा सकता है 2015 के चुनाव में हमने भाजपा को हराया था और आज भी भाजपा को 38% वोट हासिल होते हैं इसका मतलब यह है कि 62% वोट भाजपा के खिलाफ है जरूर इस बात की है कि इस वोट को एकजुट किया जाए भाजपा कांग्रेस की कमियों के वजह से जीत रही है. प्रशांत किशोर के कांग्रेस प्रेम पर भाजपा ने पलटवार किया है.
"प्रशांत किशोर को यह भी जवाब देना चाहिए कि उन्होंने भाजपा के लिए क्यों काम किया था. क्या आज की तारीख में वह परिवारवाद और भ्रष्टाचार में संलिप्त लोगों के पक्ष में खड़े हैं. वैसे इंडिया गठबंधन में भी वह चले जाएंगे फिर भी भाजपा के सेहत पर फर्क नहीं पड़ता. नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के बदौलत फिर हमारी सरकार बनने जा रही है."-दानिश इकबाल, प्रवक्ता, बीजेपी