रायपुर: ईद उल फितर को लेकर रायपुर नगर निगम ने ईदगाह और मस्जिद के बाहर साफ सफाई के आदेश जारी किए हैं. इस निर्देश में मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में मस्जिदों और ईदगाहों के आस पास विशेष सफाई व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं. उसके अलावा सफाई व्यवस्था, जल व्यवस्था, कीटनाशक दवाइयों के छिड़काव और स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था को सुनिश्चित करने को कहा गया है. रायपुर नगर निगम कमिश्नर मयंक चतुर्वेदी ने यह निर्देश जारी किया है. जिसके बाद इस मसले पर सियासत तेज हो गई है.
बीजेपी ने इस आदेश पर खोला मोर्चा: रायपुर निगम कमिश्नर मयंक चतुर्वेदी के इस फरमान पर भाजपा पार्षद ने आपत्ति दर्ज की है. बीजेपी पार्षद विश्वदिनी पांडेय का कहना है कि," धर्म विशेष के त्यौहार के लिए पहली बार नगर निगम कमिश्नर ने इस तरह का आदेश जारी किया है. उन्होंने अपने आदेश में लिखा है कि, मुस्लिम बाहुल्य इलाके में समुचित व्यवस्था की जाए. नगर निगम अधिकारी चीजों को बाट रहे हैं. छत्तीसगढ़ के अंदर भी कई मिनी पाकिस्तान बन गए हैं. इसे अधिकारी भी स्वीकार कर रहे हैं. अब तक हम यही मानकर चल रहे थे कि, सभी हिन्दू-मुस्लिम बराबर है. सभी एक साथ रहते हैं. लेकिन मुस्लिम बाहुल्य एरिया बताकर, विशेष आदेश जारी किया गया है."
विश्वदिनी पांडेय ने आगे निशाना साधते हुए कहा कि" इससे कांग्रेस की सरकार में अधिकारी समझ चुके हैं कि, शहर में मिनी पाकिस्तान बन चुका है. बहुत सारे त्यौहार आते हैं. उनमें पानी की व्यवस्था और अन्य व्यवस्था कराई जाए. कहना समझ आता है. लेकिन मुस्लिम बाहुल्य एरिया में साफ सफाई की व्यवस्था करने के लिए कहा जाना. ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार के कार्यकाल में धर्मांतरण और इस्लामीकरण चरम पर है और अधिकारी भी इस बात को समझ चुके हैं. उन्हें मजबूरी वश इस तरह का सर्कुलर जारी करना पड़ रहा है"