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Politics on New Rooms in Old Assembly: छत्तीसगढ़ की पुरानी विधानसभा में नए कमरों पर सियासत - छत्तीसगढ़ विधानसभा

छत्तीसगढ़ की नई विधानसभा नवा रायपुर में बन रही है. लेकिन पुरानी विधानसभा में करोड़ों खर्च कर 14 नए लग्जरी कमरे बनाए गए हैं. कांग्रेस नेता इसे विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र का मामला बता रहे हैं. लेकिन भाजपा ने इसे फिजूलखर्ची बताकर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है.

Politics on New Rooms in Old Assembly
पुराने विधानसभा में नए कमरों पर सियासत

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Published : Mar 3, 2023, 10:50 PM IST

पुराने विधानसभा में नए कमरों पर सियासत


रायपुर :छत्तीसगढ़ विधानसभा में बन नए लग्जरी कमरों में 12 कमरे मंत्रियों के लिए हैं. एक उपाध्यक्ष के लिए है. एक कक्ष विधानसभा सचिव के लिए है. इस कमरे में एसी, फ्रिज, एलईडी टीवी, महंगी पेंटिंग, लग्जरी सोफा, कुर्सी टेबल सहित कई सुविधाएं मौजूद हैं. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास का कहना है कि ''इस भ्रष्ट सरकार के गिनती के चंद महीने बचे हैं. इनको मालूम है कि दोबारा सत्ता में नहीं आने वाले हैं. इन्होंने 15 करोड़ रुपए मंत्रियों के कक्ष में फूंक दिए. वह भी तब जब नया रायपुर में विधानसभा आकार ले चुकी है. प्रदेश की वित्तीय स्थिति क्या है, वह किसी से छुपी नहीं है. लगातार कर्ज लेकर प्रदेश की जनता पर अतिरिक्त भार डाला जा रहा है. ऐसे में नए कक्ष की क्या आवश्यकता थी?''

भाजपा ने पूछे सवाल : गौरीशंकर श्रीवास ने कहा कि '' प्रदेश की जनता राज्य सरकार से सवाल कर रही है इस प्रकार के अपव्यय का क्या औचित्य है. किस व्यक्ति और ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए यह किया गया. इससे साफ साफ झलक रहा है कि पिछले 4 साल से प्रदेश में भ्रष्टाचार किया जा रहा है. यह छोटा सा उदाहरण है. सारे विभाग में कमोबेश यही स्थिति है. वित्तीय प्रबंधन के नाम पर सरकार फेल है. जाते जाते भी यह सरकारी खजाने को लूट खसोट कर खाली करने में आमादा है. यह बात पूरी तरह से इस घटना ने स्पष्ट कर दी है.''



विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र का है मामला :वहीं कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर का कहना है कि "' इन कमरों का निर्माण विधानसभा परिसर के अंदर किया गया है. यह विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र का मामला है इसलिए इस मामले में कुछ भी कहना ठीक नहीं है.''

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क्या कहते हैं जानकार :वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी ने कहा कि '' यह मामला विधानसभा सचिवालय का है. विधानसभा अध्यक्ष को उनके वित्तीय खर्च का अधिकार भी है. लेकिन इस दौरान यह भी देखा जाना चाहिए कि धन का कहीं अपव्यय तो नहीं हो रहा है. इस विधानसभा का अपना गौरवपूर्ण इतिहास रहा है. नया विधानसभा बन रहा है. ऐसे में पुराने पर विराम देना चाहिए और नए के हिसाब से व्यवस्था करनी चाहिए.''

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