पटना :18 वर्ष से अधिक के उम्र के लोगों के लिए कोरोना का टीकाकरण शुरू होने से पहले बिहार में राजनीतिक बयानबाजी तेज है. पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जनता से मुफ्त टीका का वादा किया था. अब जब टीकाकरण शुरू होने वाला है तो भाजपा नेता के सुर बदलने लगे हैं.
पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा है कि बिहार सरकार को टीका के लिए न्यूनतम मूल्य करना चाहिए. गैस सब्सिडी की तरह लोगों को विकल्प देना चाहिए कि जो व्यक्ति टीका के लिए पैसा देने में समर्थ हो वह न्यूनतम मूल्य दे सके.
सुशील मोदी के इस प्रस्ताव पर विपक्ष हमलावर है. मुख्य विपक्षी दल राजद का कहना है कि भाजपा का मुफ्त टीका देने का वादा भी जुमला साबित होने वाला है.
'मुफ्त टीका दिया तो सरकार पर पड़ेगा बोझ'
भाजपा सांसद सुशील मोदी ने ट्वीट किया 'कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए केंद्र और बिहार सहित कई राज्यों की सरकारें मुफ्त टीकाकरण अभियान चला रही हैं. 1 मई से जब 18 से ज्यादा उम्र के लोगों के टीकाकरण की शुरुआत होगी तब सरकार के संसाधनों पर दबाव बढ़ेगा.'
सुशील मोदी ने लिखा 'कोरोना की दोनों वैक्सीन का कोई न्यूनतम मूल्य तय किया जाना चाहिए और विकल्प दिया जाना चाहिए कि जो लोग वैक्सीन की कीमत चुका सकते हैं, वे अवश्य भुगतान करें. यह बाध्यकारी नहीं, स्वैच्छिक होना चाहिए. यदि राज्य सरकार ने वैक्सीन के मूल्य चुकाने का विकल्प दिया तो गरीबों के टीकाकरण और इलाज के लिए ज्यादा संसाधन होंगे.'