पटना :बीजेपी ने विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के सभी तीन विधायकों को क्या (vip mlas join bjp) मिलाया बिहार की राजनीति ही पलट गयी. जिस एनडीए को जीतन राम मांझी (jitan ram manjhi) और वीआईपी चीफ मुकेश सहनी (vip chief mukesh sahni) बार-बार आंख दिखाते थे उसपर अब पर्दा लग गया है. प्रेशर पॉलिटिक्स करने वाले दोनों नेताओं को एक ही बार में झटका मिल गया. मुकेश सहनी को तो बड़ा झटका मिला ही है, साथ ही जीतन राम मांझी को भी संकेत मिल गया कि अब आपकी प्रेशर लॉलिटिक्स नहीं चलेगी.
अब तक होती थी प्रेशर पॉलिटिक्स :दरअसल, कई मौके पर मांझी सरकार गिराने की बात कह चुके हैं. उन्होंने स्वीकार भी किया था कि अगर आपके पास पावर रहता है तो आप प्रेशर पॉलिटिक्स करते (bihar pressure politics) भी हैं. पर बीजेपी के एक चाल ने पासा पलट दिया है. जिस 4 विधायकों के दम पर मांझी आंख दिखाते थे और कहते थे कि रास्ता खुला हुआ है, अब ऐसा नहीं बोल पाएंगे. इसके पीछे जादुई आंकड़ा का गणित है.
JDU और BJP के पास पूर्ण बहुमत :अब जेडीयू और बीजेपी के पास पूर्ण बहुमत है. उसे किसी की भी जरूरत नहीं है. 243 सीटों वाले बिहार विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 122 होता है जो इन दोनों पार्टियों ने पा लिया है. वीआईपी के तीनों विधायकों के शामिल होने पर बीजेपी विधायकों का आंकड़ा 77 पहुंच गया है. वहीं जेडीयू विधायकों की संख्या 45 है. ऐसे में दोनों पार्टियों का कुल आंकड़ा 122 को छू लिया है. इसका मतलब साफ है कि कोई भी अब आंख नहीं दिखा सकता है.
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'कौन किसके साथ चला जाएगा कुछ कहा नहीं जा सकता' :वैसे, पार्टी बदलने के संबंध में जब एनडीए में सहयोगी जीतनराम मांझी से सवाल किया गया तो उन्होंने जवाब देकर सभी को चौंका दिया. हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के विधायक भी बीजेपी में जा सकते हैं? इस सवाल के जवाब में गुरुवार को मीडिया से मांझी ने कहा कि यह राजनीति है. कौन किसके साथ चला जाएगा कुछ कहा नहीं जा सकता.