दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

योगी सरकार ने की शिवपाल यादव के दामाद आईएएस को यूपी में प्रतिनियुक्ति देने की तैयारी - अजय यादव दोबारा उत्तर प्रदेश में प्रतिनियुक्ति

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव के दामाद आईएएस अधिकारी अजय यादव दोबारा उत्तर प्रदेश में प्रतिनियुक्ति पर आ सकते हैं. शिवपाल यादव भी इसके लिए प्रयासरत हैं. जिसको लेकर पिछले दिनों जब उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी.

shivpal yadav
shivpal yadav

By

Published : Apr 14, 2022, 3:50 PM IST

लखनऊ: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया शिवपाल यादव के दामाद आईएएस अधिकारी अजय यादव दोबारा उत्तर प्रदेश में प्रतिनियुक्ति पर आ सकते हैं. अजय यादव मूलत: तमिलनाडु कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. एक ओर अखिलेश यादव के खिलाफ मुखर होने वाले शिवपाल यादव के भारतीय जनता पार्टी आने की चर्चा तेजी से चल रही है, तो दूसरी ओर उनके आईएएस दामाद को दूसरी बार उत्तर प्रदेश में प्रतिनियुक्ति मिलने की संभावना भी प्रबल है. शिवपाल यादव भी इसके लिए प्रयासरत हैं. इस विषय को लेकर पिछले दिनों शिवपाल यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी. इसके बाद एक बार फिर नियुक्ति विभाग के अधिकारियों को निर्देश हुआ है कि वह अजय यादव की यूपी में प्रतिनियुक्ति की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएं. साल 2018 में यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई थी.

सहारनपुर के रहने वाले अजय यादव तमिलनाडु कैडर (2010 बैच) के आईएएस अफसर हैं. वह 28 अक्टूबर 2015 से यूपी में तैनात किये गए थे. उनकी प्रतिनियुक्ति 31 दिसंबर को खत्म हुई थी. नियम के मुताबिक किसी भी आईएस को अपने गृह प्रदेश में दो बार प्रतिनियुक्ति मिल सकती है. यह प्रतिनियुक्ति 5 साल के लिए होती है जो दो टुकड़ों में दी जाती है. 2018 में भी उत्तर प्रदेश सरकार के नियुक्ति विभाग ने अजय यादव को दो साल की प्रतिनियुक्ति देने का प्रयास किया था. तब केंद्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय और फिर अपॉइंटिंग कमिटी ऑफ कैबिनेट (एपीसी) ने प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी थी. अजय उस वक्त यूपी सरकार में भूमि सुधार निगम के एमडी पद पर तैनात थे.

स्पेशल केस में मिली थी प्रतिनियुक्ति:अजय यादव मूल रूप से तमिलनाडु कैडर में तैनात थे. तमिलनाडु के कोयंबटूर में उन्हें कमिश्नर कमर्शल टैक्स के पद पर तैनात किया गया था. उन्होंने नवंबर 2014 में ही अपने लिए प्रतिनियुक्ति मांगी थी. इस दौरान उन्होंने अपने बच्चे के स्वास्थ्य के कारणों का हवाला दिया था. इसके बाद भी केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने उन्हें प्रतिनियुक्ति देने से इनकार कर दिया था. मंत्रालय का कहना था कि यह इंटर कैडर प्रतिनियुक्ति केवल उन्हीं अफसरों को दी जा सकती है, जो अपने मूल कैडर में नौ साल की सेवा पूरी कर चुके हों.

तीन बार पत्र भेजा पर नहीं बनी बात:मंत्रालय को उन्होंने तीन बार पत्र भेजा पर हर बार उन्हें मना कर दिया. इसके बाद पूर्व मंत्री शिवपाल यादव ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपने दामाद को प्रतिनियुक्ति देने की गुजारिश की थी. प्रधानमं‌त्री कार्यालय के दखल के बाद ही 28 अक्टूबर, 2015 को 'अपॉइंटमेंट कमेटी ऑफ द कैबिनेट' (एसीसी) ने तमिलनाडु कैडर के आईएएस अधिकारी अजय यादव के इंटर-कैडर डेप्युटेशन को मंजूरी दी थी. कमिटी ने इसे 'स्पेशल केस' मानते हुए उनके लिए मौजूदा कानूनों में रियायत दी दी थी. इस कमेटी के चेयरमैन प्रधानमंत्री होते हैं.

प्रतिनियुक्ति के 5 साल में 2 साल बचे:उत्तर प्रदेश में ब्यूरोक्रेसी के सूत्रों के मुताबिक एक बार फिर से अजय कुमार को अब उत्तर प्रदेश में तैनाती मिलने की पूरी संभावना है. वह अपने प्रतिनियुक्ति के 5 साल में से 3 साल भले ही पूरे कर चुके हों मगर अभी भी 2 साल का समय उनके पास शेष है. जो वे उत्तर प्रदेश में रहकर पूरा कर सकते हैं. जिसको लेकर शिवपाल यादव अपनी पूरी ताकत लगा चुके हैं.

पढ़ें : अपर्णा यादव बोलीं- भगवा हमारे देश और संस्कृति का हिस्सा

ABOUT THE AUTHOR

...view details