पटना : कर्नाटक हिजाब मामले (Karnataka Hijab Row) में देश की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. विपक्षी दलों ने भाजपा सरकार पर हमलावर रूख अख्तियार किया है. यह मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सुर्खियों में आ गया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा सहित कई नेताओं ने मुद्दे पर ट्वीट किए हैं. अब इस मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की भी एंट्री हो गई है. साथ ही बीजेपी व विश्व हिंदू परिषद ने भी प्रतिक्रियाएं दी हैं.
नई दिल्ली से पटना पहुंचने के बाद आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (RJD President Lalu Prasad Yadav) ने बुधवार को पहली बार मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर बयान दिया. केंद्र सरकार पर हमला करते हुए लालू यादव ने कहा कि नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में देश सिविल वार की तरफ बढ़ रहा है. उन्होंने भाजपाईयों की तुलना अंग्रेजों से की.
लालू यादव ने चेताया कि देश गृह युद्ध की तरफ बढ़ रहा है और इसकी पूरी जिम्मेदारी बीजेपी की होगी. उन्होंने ने कहा कि रोजाना चुनावी रैलियों में सांप्रदायिक बातें होती है. रोजाना बीजेपी के नेता दंगा, मुजफ्फरनगर, अयोध्या, काशी, मथुरा और राम-रहीम की बात करते रहते हैं. चाहे प्रधानमंत्री हो या कोई और, देश में इतनी गरीबी है, महंगाई है, बेरोजगारी है, लेकिन इसकी चर्चा एक दिन भी नहीं होती है.
हिजाब मामले पर बोले लालू प्रसाद यादव बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी को हिंदु-मुस्लिम का चस्का लग गया है और इनको लगता है कि इसी से वोट मिल जाएगा, लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव में कोई भी हिंदू इन मुद्दों पर वोट नहीं देने वाला है. उन्होंने कहा कि ऐसे ही पश्चिम बंगाल में भी जाकर अमित शाह प्रचंड बहुमत की हवा बना रहे थे, वहां क्या हुआ. वही हाल बीजेपी का उत्तर प्रदेश में भी होने वाला है.
प्रियंका गांधी ने किया ट्वीट
कर्नाटक का हिजाब विवाद में नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला युसूफजई के बाद कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया है. उन्होंने ट्वीटर पर लिखा है कि 'चाहे वह बिकनी हो, घूंघट हो, जींस की जोड़ी हो या हिजाब, यह तय करना एक महिला का अधिकार है कि वह क्या पहनना चाहती हैं. यह अधिकार की गारंटी उन्हें भारतीय संविधान में दी गई है. महिलाओं को प्रताड़ित करना बंद करो.
माड्या सांसद ने क्या कहा
कर्नाटक के माड्या से लोकसभा सांसद सुमलता अंबरीश ने कहा कि यहां युवा, मासूम और प्रभावशाली दिमागों में जहर घोलने के लिए बहुत राजनीति की जा रही है कि इसे स्कूल में पहनो. हर जगह के लिए एक कोड है. यदि उस विशेष कॉलेज या स्कूल में शुरू से ही कुछ दिशानिर्देश हैं, तो यह मुद्दा अभी क्यों उठा है? छात्रों के भविष्य के साथ कौन खेल रहा है?
हेमा मालिनी ने क्या कहा
कर्नाटक हिजाब विवाद पर बीजेपी सांसद हेमा मालिनी ने कहा कि स्कूल शिक्षा के लिए होते हैं और वहां धार्मिक मामलों को नहीं लिया जाना चाहिए. हर स्कूल में एक यूनिफॉर्म होती है जिसका सम्मान किया जाना चाहिए. आप स्कूल के बाहर जो चाहें पहन सकते हैं.
आदित्य ठाकरे ने भी दिया बयान
कर्नाटक हिजाब विवाद पर महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि जहां स्कूल/कॉलेजों में निर्धारित यूनिफॉर्म है, उसका पालन किया जाए. शिक्षा के केंद्रों में केवल शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए. धार्मिक या राजनीतिक मुद्दों को स्कूलों/कॉलेजों में नहीं लाया जाना चाहिए.
सभी से शांति बनाए रखने की अपील: डीके शिवकुमार
कर्नाटक हिजाब विवाद पर कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा कि कुछ लोगों द्वारा बनाई गई समस्या के कारण भारत जल रहा है. हमें शिक्षा और संस्कृति के मूल्यों को देखना चाहिए. हम सभी एक हैं, चाहे हम किसी भी समुदाय से हों. संविधान हमारी प्राथमिकता है. यह हमारी बाइबिल है, भगवद् गीता और कुरान है. उन्होंने कहा कि यह पूरा मामला इसलिए हुआ क्योंकि कर्नाटक में बीजेपी अपना आधार खो रही है. मुझे लगता है कि आने वाले चुनाव में उन्हें 50-60 से ज्यादा सीटें नहीं मिलेंगी. वे ऐसे मुद्दे पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं जो कर्नाटक को जला देंगे. हमारे संविधान ने हमें जो चाहो पहनने का मौका दिया है. कर्नाटक में कई बदलाव हो रहे हैं. मैं कर्नाटक कांग्रेस की ओर से सभी से शांति बनाए रखने का अनुरोध कर रहा हूं. बच्चों का भविष्य महत्वपूर्ण है. मुझे उम्मीद है कि अदालत संविधान की रक्षा करेगी.
नहीं होनी चाहिए राजनीति : यास्मीन निगार खान
खान अब्दुल गफ्फार खान की पोती और अखिल भारतीय पख्तून जिरगा-ए-हिंद अध्यक्ष यास्मीन निगार खान ने कर्नाटक हिजाब मसले पर कहा कि मुझे लगता है कि स्कूलों में एक समान कोड का पालन किया जाना चाहिए. यदि आप स्कूल परिसर के अंदर खुद को बुर्का या हिजाब से ढंकते हैं, तो पहचान का मुद्दा हो सकता है. मुझे लगता है कि पूरे चेहरे को ढंकने के बजाय एक स्कार्फ पहना जा सकता है. कुछ लोग बुर्का पहनते हैं, कुछ नहीं पहनते, जब वे हज के लिए मक्का जाते हैं. मुझे लगता है कि इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. स्कूलों में सब बराबर हो और धर्म का पालन एक हद तक ही हो.
यह आपराधिक साजिश है: नकवी
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी कर्नाटक विवाद पर कहा कि हिजाब को लेकर हंगामा ड्रेस की गलत सूचना देने की आपराधिक साजिश है. हर संस्थान का अपना ड्रेस कोड, अनुशासन और मर्यादा होती है. जो लोग इंडिया बैशिंग ब्रिगेड का हिस्सा हैं, भारत को बदनाम करते हैं. वे पाकिस्तान के साथ जुगलबंदी के लिए तैयार हैं.
बीजेपी-आरएसएस बना रही मुद्दा: नवाब मलिक
कर्नाटक हिजाब विवाद पर महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि क्या खाना है और क्या पहनना है, यह चुनना हर किसी का मौलिक अधिकार है. बीजेपी और आरएसएस हिजाब को लेकर मुद्दा बना रहे हैं. क्या वे इस बात से निराश हैं कि मुस्लिम लड़कियां कॉलेज जा रही हैं और समाज में अपनी जगह बना रही हैं?
विवाद पर राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग की नजर
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने भी करनाटक में हिजाब विवाद और विरोध प्रदर्शनों पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा है कि वह पूरे मामले पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. जरूरत पड़ने पर कार्रवाई भी करेंगे. ईटीवी भारत से बात करते हुए आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा है कि पूरे प्रकरण में छात्रों को बरगलाने और गुमराह करने का काम किया जा रहा है जो अपराध है. किसी भी स्कूल का यूनिफॉर्म बच्चों के बीच एकरूपता लाने के लिये होती है. यह स्कूल के अनुशाशन का हिस्सा होता है जो उनके विकास के लिये भी जरूरी है. प्रियांक इसके लिये दारूल उलूम और देवबंद जैसे संस्थानो को जिम्मेदार मानते हैं.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो
अराजकता से बाज आएं जिहादी व उनके पैरोकार : विहिप
विश्व हिन्दू परिषद ने कहा है कि कर्नाटक के उडुपी से प्रारंभ हुआ हिजाब विवाद वास्तव में हिजाब की आड़ में जिहादी अराजकता फैलाने का एक षड्यंत्र है. विहिप के केन्द्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ सुरेन्द्र जैन ने बुधवार को कहा कि इसे हिजाब जेहाद ही कहा जा सकता है. विहिप का आरोप है कि पीएफआई जैसे इस्लामिक संगठन पूरे कर्नाटक में अराजकता फैलाने का एक बड़ा षड्यंत्र रच रहे हैं. विहिप महामंत्री सुरेंद्र जैन ने कहा कि विवाद शुरू होते ही भारत के बाहर से भी जितनी तेजी से इस्लामिक जगत और टूलकिट गैंग ने इस पर प्रतिक्रिया जताई है, उससे स्पष्ट होता है कि ये भारत में अराजकता फैलाने का कोई भी अवसर नहीं चूकना चाहते. संभवतया ये कर्नाटक में शाहीन बाग दोहराना चाहते हैं.
विहिप के केन्द्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ सुरेन्द्र जैन
विहिप इन सभी अराजक तत्वों को स्पष्ट करना चाहती है कि कर्नाटक सरकार की सजगता और हिंदू समाज की सक्रियता के कारण वे सफल नहीं हो पाएंगे. डॉ सुरेंद्र जैन ने आगे कहा कि इस षड्यंत्र की कठपुतली बनी उडुपी की लड़कियों ने विद्यालय में प्रवेश के समय ही जिस फार्म पर हस्ताक्षर किए थे उसमें स्पष्ट लिखा था कि वह स्कूल यूनिफार्म पहनकर ही कक्षा में आएंगी. छात्र यदि यूनिफॉर्म में आते हैं तभी शिक्षा लेने का माहौल बनता है. हिजाब पहनकर ही आने की उनकी इस जिद ने जिस तरह से अचानक आक्रामक रूप धारण कर लिया उससे स्पष्ट होता है कि यह जिहादी षड्यंत्र का ही एक भाग है. छात्रों द्वारा भगवा पताके, पगड़ी और स्कूल में भगवा झंडे फहराए जाने पर विहिप के संयुक्त महामंत्री ने कहा कि कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डी के शिव कुमार ने इसे अपमान के रूप में प्रचारित किया है.
हिजाब पर नहीं स्कूल में हिजाब पर आपत्ति : अनिल विज
हिजाब पर नहीं स्कूल में हिजाब पर आपत्ति : अनिल विज
हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज (Anil Vij statement on Hijab controversy) का बयान आया है. अनिल विज ने हिजाब विवाद पर कहा कि हिजाब पहनने से किसी को कोई भी आपत्ति नहीं होनी चाहिए. कोई भी अगर हिजाब पहनना चाहे वो पहन सकता है, लेकिन अगर कोई शिक्षण संस्थान में जा रहा है तो वहां ड्रेस कोड को फॉलो करना होगा. विज ने कहा कि अगर ड्रेस कोड फॉलो नहीं कर सकते तो वो अपने घर बैठ सकते हैं.
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन
कर्नाटक के उडुपी जिले के एक कॉलेज परिसर में हिजाब (Karnataka hijab case) पहनने वाली छात्राओं के प्रवेश न लेने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (Aligarh Muslim University) में सैकड़ों की संख्या में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं हिजाब मामले के विरोध में प्रोटेस्ट मार्च निकालने के लिए आज एएमयू सर्किल के डक पॉइंट पर इकट्ठा हुए, लेकिन एएमयू प्रशासन ने उनको अलीगढ़ में कल होने वाले मतदान और कोरोना का हवाला देते हुए प्रोटेस्ट निकालने की अनुमति नहीं दी. इस पर काफी संख्या में इकट्ठा हुए छात्र- छात्राओं ने नाराजगी जताई और आगामी 11 फरवरी को एक बड़ा प्रोटेस्ट करने की चेतावनी दी है.
दिल्ली के शाहीन बाग में प्रदर्शन
दिल्ली के शाहीन बाग में प्रदर्शन
कर्नाटक में मुस्लिम लड़कियों के हिजाब पहनकर स्कूल-कॉलेज जाने का मामला तूल पकड़ चुका है. कर्नाटक में शुरू हुए हिजाब विवाद के समर्थन में दिल्ली में शांति मार्च निकाला गया. दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में एआईएमआईएम के द्वारा हीजाब के समर्थन में पीसफुल मार्च निकाला गया. मार्च में हिजाब पहने महिलाओं के साथ बड़ी संख्या में अन्य लोग भी शामिल हुए. पाेस्टर में हिजाब के समर्थन में नारे लिखे थे. मार्च में चल रहे लाेग शांति से हिजाब का समर्थन कर रहे थे. इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. दिल्ली पुलिस के जवानों काे तैनात किया गया था.
हिजाब पहने तो भाजपा को दिक्कत है : सुप्रिया सुले
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की नेता सुप्रिया सुले ने कर्नाटक में छात्राओं के हिजाब पहनने को लेकर चल रहे विवाद पर बुधवार को कहा कि हिजाब पहने तो भाजपा को दिक्कत है, कपड़े पहने तो भी उनको दिक्कत है. उन्होंने लोकसभा में वित्त वर्ष 2022-23 के बजट पर पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक द्वारा इस विवाद के संदर्भ में की गयी कथित विवादित टिप्पणी का जिक्र किया और कहा कि हिजाब पहने तो भाजपा को दिक्कत है, कपड़े पहने तो भी उनको (भगवा दल) को दिक्कत है. (वे) नैतिक पहरेदारी भी करेंगे और वैचारिक पहरेदारी भी करेंगे.
दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस कॉलेज के प्रोफेसर
मिरांडा हाउस कॉलेज के प्रोफेसर आभा हबीब ने कहा कि ये बहुत अफसोस की बात है कि स्टेट में और सेंटर में इस तरह की सरकारें हैं कि 21वीं सदी में इस तरीके के वारदात हों. कॉस्टिट्यूशन ऑफ इंडिया को हम समझते हैं कि ये हमारे लिये ग्रंथ है. वही, हमारे लिए सबकुछ है, गीता है.और कॉस्टिट्यूशन अगर, ये राइट टू एजुकेशन सबको देता है तो कोई भी यूनिवर्सिटी, कॉलेज अपने दरवाजे नहीं बंद कर सकते हैं, धर्म के नाम पर. उन्होंने कहा कि मैंने ये बिंदी लगा रखी है, मैं हो सकता कि चूड़ी पहन रखी होती, मंगलसूत्र पहना होता, हम इस चीज को बुरा नहीं मान रहे हैं. सिख छात्र को पगड़ी की इजाजत दे रहे हैं. तो यूनिफॉर्म में या तो किसी के भी आस्था का कोई जगह नहीं होना चाहिए या आप थोड़े- थोड़े उसको एडजस्ट करें, क्योंकि शिक्षा खुद ही बदलाव करने का, चेंज करने का, ट्रासफॉर्मेशन का एक जरिया है. आप चीजों को एकोमोडेट करते हैं. जब आपने जनेऊ पर कोई सवाल नहीं उठाया, चूड़ी पर कोई सवाल नहीं करते हैं, तो आप हिजाब पर कैसे सवाल उठा सकते हैं.
हिंदू कॉलेज के प्रोफेसर
प्रोफेसर रतन लाल ने कहा कि हिजाब के नाम पर पोलिटिसाइज हो रहा है. ये डेमोक्रेटिक नेशन है. जिसको हिजाब पहन कर जाना है वो जाए , जिसको भगवा कुरता पहन कर आना है तो उसको क्या कीजिएगा. ये सबका इंडिविजुअल च्वाइस है. ये पढ़ने से रोकने की एक साजिश है.
गौरतलब है कि कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद के बीच राज्य से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक एमपी रेणुकाचार्य ने बुधवार को कहा कि कि दुष्कर्म के मामले इसलिए बढ़ रहे हैं क्योंकि महिलाओं द्वारा पहने जाने वाले कुछ परिधान पुरुषों को उत्तेजित करते हैं. इसका जिक्र करते हुए सुले ने कहा कि मैं माननीय मंत्री जी (निर्मला सीतारमण) से हस्तक्षेप करने का आग्रह करती हूं, जो कनार्टक से (राज्यसभा सदस्य) हैं. राकांपा सदस्य ने कहा कि सबके घर में बीवी है, सबके घर में बच्चे हैं. हमें इस तरह के बयान को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए. एक स्वर में इसकी निंदा करनी चाहिए.
राज्यसभा में भी गूंजा मुद्दा
मामला धार्मिक है तो राजनीतिक पार्टियां भी बयानबाजी से बाज नहीं आ रही हैं. मामला सदन में भी उठ रहा है. राज्यसभा में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की एक सांसद फौजिया खान ने कहा है कि कर्नाटक में महिलाओं को यह चुनने की अनुमति नहीं है कि उन्हें क्या पहनना है. उन्होंने कहा कि 'मैं क्या खाती हूं, क्या पहनती हूं, जिसे मैं प्यार करती हूं, ये सब सरकार द्वारा तय किया जाता है. संविधान में निर्धारित स्वतंत्रता कहां है?'
यह भी पढ़ें- Karnataka Hijab Row: कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब विवाद बड़ी बेंच को भेजा
इससे पहले कर्नाटक के भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने भी हिजाब को लेकर बयान देकर राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया कि शरिया कानूनों की वकालत करने वालों को विभाजन के दौरान बने एक अलग राष्ट्र (पाकिस्तान) में चले जाना चाहिए. उन्होंने जोर देकर कहा, अगर आप हिजाब, बुर्का, पारंपरिक मुस्लिम पैंट पहनना चाहते हैं, तो उन्हें पहनें और मदरसों में जाएं. यदि आप (मुसलमान) अपनी मर्जी के अनुसार सब कुछ चाहते हैं, तो आपको 1947 में अलग हुए दूसरे देश में जाना चाहिए था. चूंकि आपने यहीं रहना चुना है, तो फिर आपको देश की संस्कृति का सम्मान करना होगा.'