मुंबई : शरद पवार के एनसीपी अध्यक्ष पद छोड़ने के फैसले पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा, "राकांपा सुप्रीमो शरद पवार का पार्टी प्रमुख पद से इस्तीफा देने का फैसला राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का आंतरिक मामला है. उन्होंने कहा, "यह उनका निजी फैसला है. राकांपा का आंतरिक मामला है. मुझे नहीं लगता कि इस समय इस बारे में बात करना उचित होगा. शरद पवार एक वरिष्ठ नेता हैं और उनकी पार्टी में विचार-विमर्श चल रहा है. ऐसे में यही उचित होगा कि स्थिति स्पष्ट होने के बाद ही टिप्पणी किया जाए."
अपनी आत्मकथा के संशोधित संस्करण के विमोचन के दौरान पवार के बयान के बारे में पूछे जाने पर फडणवीस ने कहा, "मैंने पवार की किताब नहीं पढ़ी है, इसलिए मैं अभी इस पर नहीं बोलूंगा. लेकिन मैं एक किताब भी लिखना चाहता हूं, जिसे मैं सही समय आने पर लिखूंगा. जब मैं इसे लिखूंगा तो आपको सच्चाई पता चल जाएगी."
पवार के इस्तीफे के फैसले की तुलना बाल ठाकरे से :शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने शरद पवार को महाराष्ट्र की राजनीति की आत्मा कहा और उनके फैसले की तुलना शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे द्वारा लिये गए फैसले से की. राउत ने ट्वीट किया, 'गंदी राजनीति और आरोपों से तंग आकर शिवसेना सुप्रीमो बालासाहेब ठाकरे ने भी शिवसेना प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया था. ऐसा लगता है कि इतिहास ने खुद को दोहराया है, लेकिन शिवसैनिकों के प्यार के कारण उन्हें अपना फैसला वापस लेना पड़ा था. बालासाहेब की तरह, पवार साहब भी राज्य की राजनीति की आत्मा हैं.
पवार के फैसले का कारण अभी अस्पष्ट : पवार के इस्तीफे पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, "शरद पवार ने आज अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. इस फैसले के पीछे क्या वजह रही, यह कहना मुश्किल है." उन्होंने कहा कि जब वह शरद पवार से मिलेंगे तो उनसे बात हो सकेगी. अभी बात करना उचित नहीं है. मैंने सोचा था कि शरद पवार अपनी आखिरी सांस तक सामाजिक और राजनीतिक जीवन में रहेंगे. मैंने सोचा था कि मैं हमेशा एक विचारधारा से लड़ूंगा. हालांकि, इस्तीफे की वजह बताना अभी मुश्किल है."