नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को उनकी 'मोदी सरनेम' टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने की तारीख 23 मार्च से लोकसभा (सांसद) के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया है. राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से सांसद थे.
सूरत की अदालत ने गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को कर्नाटक में एक चुनावी रैली के दौरान 2019 में की गई उनकी 'मोदी उपनाम' टिप्पणी पर मानहानि के मामले में दो साल कैद की सजा सुनाई.
राहुल गांधी ने अप्रैल 2019 में कर्नाटक के कोलार में एक लोकसभा चुनाव रैली में 'सभी चोरों का उपनाम मोदी कैसे हो सकता है' टिप्पणी की. राहुल गांधी के खिलाफ सूरत पश्चिम से भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था. राहुल की लोकसभा सदस्यता जाने का जहां भाजपा नेताओं ने स्वागत किया है, वहीं कांग्रेस समेत अन्य दलों ने आलोचना की है.
अनुराग ठाकुर बोले, राहुल ने ओबीसी की छवि खराब करने की कोशिश की :केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुरने कहा कि 'पिछले 15-20 साल में कांग्रेस ने लगातार OBC की छवि खराब करने की कोशिश की है. राहुल गांधी द्वारा मोदी सरनेम को लेकर की गई टिप्पणी OBC की छवि खराब करने की कोशिश है और OBC का अपमान है.'
केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेलने कहा कि 'राहुल गांधी सोचते थे कि देश के संविधान और कानून से वे ऊपर हैं. सूरत की अदालत के फैसले के बाद स्पीकर ने ये निर्णय लिया है.'
भाजपा सांसद विनोद सोनकरने कहा कि 'यह कोर्ट का आदेश है, इसे सभी को मानना चाहिए. कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया. चुनाव के समय जिस तरह से उन्होंने एक समुदाय का अपमान किया... इस फैसले से पूरे देश में एक अच्छा संदेश गया है.'
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि स्पीकर को अधिकार है कि वे ऐसी स्थिति में किसी सांसद को अयोग्य घोषित कर सकते हैं. सूरत ज़िला अदालत के फैसले के बाद ये निर्णय लेना बहुत जरूरी था, स्पीकर ने उचित फैसला लिया है.'
BJP सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि 'ये कोर्ट का फैसला है और न्यायपालिका के फैसले को स्वीकार करना चाहिए. देश में न्यायालय के सामने सब समान हैं. वे(कांग्रेस) आरोप लगा रहे हैं कि देश में तानाशाही आ गई है. जो लोग भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं वो कह रहे हैं कि हम भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे थे. वे कोर्ट के फैसले को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं.'
केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा ने कहा कि 'हमारे देश में कानून का राज चलता है, ये कोर्ट का फैसला है. इसपर मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा.'
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि 'क्या एक पूरे समाज को चोर बोल सकते हैं? क्या कांग्रेस जैसी पार्टी के लिए छोटे समाज और OBC समाज का अपमान करना और माफी भी न मांगना ही अभिव्यक्ति की आज़ादी है. गाली देने में और आलोचना करने में अंतर है. वे(राहुल गांधी) OBC समाज को गाली देने का काम कर रहे थे जिसकी वजह से उन्हें सजा हुई.'
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 'जो जैसे करता है उसको वैसा परिणाम भोगना पड़ता है, राहुल गांधी ने जो किया उसका परिणाम अब उन्हें भोगना है.'
कांग्रेस बोली- कानूनी और राजनीतिक लड़ाई लड़ेंगे :वहीं, कांग्रेस नेताओं ने स्पीकर के फैसले की आलोचना की है. कांग्रेस ने राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद शुक्रवार को कहा कि वह कानूनी और राजनीतिक लड़ाई लड़ेगी तथा बिना खामोश हुए 'अडाणी महाघोटाले' पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग करती रहेगी.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संवाददाताओं को बताया कि कांग्रेस मुख्यालय में वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई गई है जिसमें इस लड़ाई को आगे ले जाने की रणनीति तय की जाएगी.
उन्होंने यह भी कहा कि यह सब इसलिए किया गया ताकि राहुल गांधी संसद में सवाल नहीं कर सकें, लेकिन राहुल और कांग्रेस डर कर चुप नहीं रहेंगे. कांग्रेस महासचिव संचार जयराम रमेश ने ट्वीट किया, 'हम कानूनी और राजनीतिक दोनों तरह से इस लड़ाई को लड़ेंगे. हम भयभीत या चुप नहीं रहेंगे. पीएम से जुड़े अडाणी महामेगा घोटाले में जेपीसी के बजाय, राहुल गांधी अयोग्य हैं. भारतीय लोकतंत्र ओम शांति.'
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, 'नीरव मोदी घोटाला- 14,000 करोड़ रुपया, ललित मोदी घोटाला- 425 करोड़ रुपया, मेहुल चोकसी घोटाला- 13,500 करोड़ रुपया. जिन लोगों ने देश का पैसा लूटा, भाजपा उनके बचाव में क्यों उतरी है? जांच से क्यों भाग रही है? जो लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं उन पर मुकदमे लादे जाते हैं.'