श्रीनगर: पुलवामा में एक कश्मीरी पंडित की हत्या की राजनीतिक दलों ने निंदा की. कश्मीरी पंडित संजय शर्मा की आज अज्ञात आतंकवादियों ने पुलवामा के अचन गांव में उस समय हत्या कर दी जब वह अपने घर के बाहर थे. पुलिस ने कहा कि अचन गांव में रहने वाले कुछ कश्मीरी पंडित परिवारों को सुरक्षा गार्ड मुहैया कराए जाते हैं.
हालांकि, संजय अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ अपने घर के बाहर थे, जब उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई. संजय पुलवामा में एक एटीएम के निजी सुरक्षा गार्ड के रूप में काम कर रहे थे.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, 'दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में अचन के संजय पंडित के निधन के बारे में सुनकर गहरा दुख हुआ. मैं इस हमले की निंदा करता हूं और उनके प्रियजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं.'
जम्मू और कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया और आतंकियों की इस हरकत को कायरतापूर्ण कृत्य करार दिया. जेकेपीसीसी ने एक बयान में कहा, 'इस जघन्य अपराध में शामलि अपराधियों की पहचान की जानी चाहिए और उन्हें कठोर से कठोर सजा दी जानी चाहिए. रक्तपात और निर्दोष लोगों की हत्या बेहद निंदनीय है और लोगों के हर वर्ग द्वारा कड़ी निंदा की जानी चाहिए.'
भाजपा प्रवक्ता अल्ताफ थोकर ने कहा कि पार्टी अचन के संजय पंडित की हत्या की निंदा करती है. बता दें कि भारत सरकार के अनुसार कश्मीर में विभिन्न घटनाओं में वर्ष 2022 में तीन कश्मीरी पंडितों सहित 14 गैर-स्थानीय लोगों की हत्या कर दी गई थी.
ये भी पढ़ें- Kashmiri pandit killed: जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमला, कश्मीरी पंडित की गोली मारकर हत्या
घाटी में अल्पसंख्यकों की लक्षित हत्या की निंदा करते हुए पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती कहा, 'बीजेपी इस तरह की घटनाओं का इस्तेमाल देश में मुसलमानों की छवि खराब करने के लिए करती है. मैं इस कृत्य की निंदा करती हूं. यह कश्मीरी लोगों का व्यवहार नहीं है. ये सभी कार्य सरकार की विफलताओं को दिखाते हैं. इन घटनाओं से बीजेपी को ही फायदा होता है चाहे वह हरियाणा में हो या कश्मीर में. भाजपा यहां अल्पसंख्यकों की जान की रक्षा करने में विफल रही. वे केवल घाटी में सामान्य स्थिति दिखाने के लिए अल्पसंख्यकों का उपयोग करते हैं.