रायपुर: छत्तीसगढ़ में इस वर्ष विधानसभा चुनाव होने है. राज्य में सितंबर या अक्टूबर माह में आचार संहिता लागू होने की संभावना है. राजनीतिक दलों के पास समय कम और काम ज्यादा है. ऐसे में अभी से तमाम राजनीतिक पार्टियों ने सामाजिक संगठनों को साधना शुरू कर दिया है. इसके लिए साहू या कुर्मी जैसे बड़े जनसंख्या वाले समाज के अलावा अर्थव्यवस्था पर मजबूत पकड़ रखने वाले सिंधी समाज को भी साधने में सियासतदान जुट गए हैं. इन समाजों के कई कार्यकर्मों में ना केवल कांग्रेस बल्कि भाजपा के नेता भी बढ़चढ़ कर शामिल हो रहे हैं. इसे राजनीतिक प्रेक्षक चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं, क्योंकि पिछले एक दो माह से सामाजिक कार्य्रकमों में नेताओं का दौरा ज्यादा बढ़ गया है.
दो माह में 24 सामाजिक कार्य्रकम, 19 में सीएम मुख्य अतिथि:छत्तीसगढ़ में फरवरी और मार्च के बीच विभिन्न सामाजिक संगठनों के 24 कार्यक्रम हुए. इसमें शपथ ग्रहण समारोह, आदर्श विवाह, युवक युवती परिचय सम्मेलन समेत कई सामाजिक कार्यक्रम शामिल हैं. जिसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 19 कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि रहे. 8 ऐसे कार्यक्रम हुए, जिनमें सीएम बघेल के साथ भाजपा नेताओं ने भी मंच साझा किए हैं. चुनावी साल होने की वजह से सामाजिक संगठनों ने भी अपनी मांगें मनवाने में कोई कसर नहीं छोड़ा. सियासतदान भी चुनावी मांगों पर अमल करने से पीछे नहीं हट रहे है. कहीं सामाजिक भवन की जमीन के लिए तो कहीं समाज के भवन निर्माण के लिए अनुदान राशि की घोषणा की जा रही है.
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क्या कहते हैं जानकर:वरिष्ठ पत्रकार व राजनीतिक जानकर मृगेंद्र पांडेय कहते हैं कि विधानसभा का चुनाव नजदीक आते जा रहा है. सियासतदानों के पास काफी कम समय बचा है. कुछ माह बाद आचार संहिता लागू हो जाएगी. चुनाव के दौरान सभा किस तरह से होती है, सभी जानते हैं. उन सभाओं में जितनी भी भीड़ जुटती है, वह पैसों से बुलाई गई भीड़ होती है. सामाजिक कार्यकर्मों में ऐसा नहीं होता. सामाजिक कार्यक्रम में केवल एक क्षेत्र नहीं बल्कि अलग अलग जगहों से समाज के लोग आते हैं. ऐसे में पॉलिटिशियन के लिए सियासी रणनीति में सामाजिक कार्यक्रम मील का पत्थर साबित होता है. यही वजह है कि पिछले दो महीनों से चाहे भाजपा हो या कांग्रेस, सामाजिक कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. सीएम भूपेश बघेल के आगामी दौरे में भी बहुत से सामाजिक कार्यक्रम शामिल हैं.
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कांग्रेस-भाजपा के नेता इन कार्यक्रमों में हुए शामिल:राजधानी रायपुर में हाल ही में 23 मार्च को जयस्तंभ चौक पर झूलेलाल शोभायात्रा निकाली गई. शोभायात्रा के स्वागत में न केवल कांग्रेस के नेता बल्कि भाजपाइयों ने एक ही मंच से स्वागत किया. सीएम बघेल के अलावा भाजपा के विधायक और सांसद ने साथ मिलकर स्वागत किया. कर्मा जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ भाजपा सांसद सुनील सोनी भी शामिल हुए. इसके ठीक एक दिन पहले साहू समाज की बाइक रैली में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव कांग्रेस नेताओं के साथ नजर आए. सीएम बघेल और भाजपाई 5 मार्च को गहोई वैश्य समाज के कार्यक्रम, 10 फरवरी को हरदिहा साहू समाज के सामूहिक विवाह कार्यक्रम,15 फरवरी को सिंधी के समाज के कार्यक्रम और 10 जनवरी को व्यापारियों के कार्यक्रम में एक साथ शामिल हुए थे.
इनमें सीएम हुए शामिल:फरवरी में सीएम बघेल कई कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. 4 फरवरी को देवांगन समाज, 5 फरवरी को मनवा कुर्मी समाज. इसी दिन सदगुरु संत कबीर समागम, 8 फरवरी को रायपुर आर्च डायसिस, 10 फरवरी को हरदिहा साहू समाज, 11 फरवरी को कसेर, सोनकर, ढीमर, कहार, सतनामी व कुर्मी समाज से भेंट मुलाकात, 12 फरवरी को मनवा कुर्मी समाज, 14 फरवरी को यादव महासभा, 16 फरवरी को मराठा समाज, 19 फरवरी को मनवा कुर्मी समाज के साथ ही डडसेना कलार समाज व दिल्लीवार कुर्मी समाज के कार्यक्रमों में शामिल हुए. इसी तरह मार्च महीने में भी उनका लगातार कार्य्रकम रहा. 5 मार्च को गहोई वैश्य, 12 मार्च को सिंधी समाज, झेरिया- गड़रिया समाज, 16 मार्च को शदाणी दरबार, 18 मार्च को साहू समाज, 19 मार्च को कोसरिया मरार समाज, 23 मार्च को सिंधी समाज के कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान सीएम बघेल ने कई बड़ी घोषणाएं भी की है.
सीएम ने की घोषणाएं
10 फरवरी - हरदिहा साहू समाज को भवन के लिए जमीन
19 फरवरी - डडसेना कलार समाज को भवन के लिए 50 लाख व दिल्लीवार कुर्मी क्षत्रिय समाज को भवन के लिए 1 करोड़
5 मार्च - गहोई वैश्य समाज को नवा रायपुर में समाज के भवन के लिए जमीन देने की घोषणा
12 मार्च - मनवा कुर्मी समाज के अधिवेशन में सभी समाजों को भवन के लिए रियायती दर पर जमीन देने की घोषणा
13 मार्च - बहादुर कलारिन की जयंती पर सीएम ने ऐच्छिक अवकाश और महुआ बोर्ड का गठन करने के दिए निर्देश
16 मार्च - चेट्रीचंड्र महोत्सव पर नगर निगम के अलावा नगर पालिका क्षेत्रों में अवकाश की घोषणा.
18 मार्च - साहू समाज की ओट से मेडिकल कॉलेज के निर्माण में शासकीय सहायता की घोषणा
छत्तीसगढ़ में 52 प्रतिशत ओबीसी में इनकी संख्या ज्यादा:छत्तीसगढ़ में 52 प्रतिशत ओबीसी हैं. इनमें सबसे ज्यादा साहू और कुर्मी समाज की संख्या है. साहू समाज के अध्यक्ष अर्जुन हिरवानी कहते हैं कि "प्रदेश में साहू समाज की संख्या 55 लाख से ज्यादा है. ओबीसी आबादी में 20 प्रतिशत साहू हैं. सभी क्षेत्रों में हमारे समाज के लोग रह रहे हैं. पिछले चुनाव में भाजपा से 14 और कांग्रेस से 8 लोगों को टिकट मिला था. वर्तमान में हमारे समाज के 6 विधायक हैं. कुर्मी समाज के महासचिव हिम्मत चंद्राकर कहते हैं कि "हमारे समाज की जनसंख्या 30 लाख से ज्यादा है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल कुर्मी समाज से आते हैं. भाजपा के कद्दावर नेता अजय चंद्राकर भी कुर्मी हैं. बहुत से विधानसभा सीटों पर कुर्मी वोटरों की पकड़ है. इस बार समाज दोनों दलों से अधिक टिकट की मांग करेगा."