नई दिल्ली :केंद्र सरकार ने एडवाइजरी जारी कर दी है कि कोविशील्ड की दूसरी डोज़ की समय बढ़ाकर 12 से 16 हफ्ते कर दी जाए. इस पर राजनीतिक दलों के बीच सियासत शुरू हो गई है. विपक्ष ये आरोप लगा रहा है कि सरकार के पास वैक्सीन की कमी होने की वजह से ही 8 से 12 हफ्ते की इस समय सीमा को बढ़ाकर 12 से 16 हफ्ते कर दिया गया है.
विपक्ष के नेताओं का आरोप है कि विदेशों में यह समय सीमा कम है और अपने देश में वैक्सीन की कमी छिपाने के लिए सरकार ये सीमा बढ़ा रही है. शनिवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने सरकार से वैक्सीन के बारे में सच्चाई बताने की अपील की.
उन्होंने कहा कि 'हालांकि मैं कोई विशेषज्ञ साइंटिस्ट या मेडिकल एक्सपर्ट नहीं हूं लेकिन मेरी उन विशेषज्ञों से अपील है कि वह सरकार के झांसे में ना आएं क्योंकि सरकार जिस तरह के खेल खेल रही है बाद में वह इसके लिए उन्हीं को दोषी ठहराएगी.
चिदंबरम ने यहां तक कहा कि सरकार वैक्सीन के डोज़ को 12 से 16 हफ्ते बढ़ा रही है, वहीं ब्रिटेन की सरकार वापस 8 हफ्ते के गैप पर आ रही है. कम से कम 50 साल के लिए यह समय अवधि 8 हफ्ते निश्चित की जानी चाहिए.
उन्होंने सीधे-सीधे केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार के पास वैक्सीन की कमी है मगर सरकार खुलकर यह बातें नहीं बताना चाहती. ऐसे ही आरोप आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और शिवसेना भी लगा रही है.
विपक्षी पार्टियां सरकार पर वैक्सीन के गैप को बढ़ाए जाने को लेकर चौतरफा हमला कर रही हैं. जबकि सरकार कह चुकी है कि कुछ और नई वैक्सीन जल्द ही भारत के बाजार में आने वाली हैं. उनकी उपलब्धता और उनकी संख्या और बाजार में आने संबंधी समय की जानकारी सार्वजनिक की थी. बताया था कि वैक्सीन की 2016 करोड़ खुराक अगस्त से दिसंबर 2021 के बीच तैयार कर ली जाएंगी जो सिर्फ भारत के लिए होंगी. इसके अलावा कई विदेशी कंपनियों से बातचीत की जानकारी भी दी गई थी.
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