नई दिल्ली : आयकर विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को बीबीसी के दिल्ली और मुंबई कार्यालयों में 'सर्वे' अभियान चलाया. इसे लेकर राजनीतिक बहस भी छिड़ गई है. कांग्रेस ने जहां इसे 'डराने की कार्रवाई' करार दिया, वहीं, भाजपा ने कहा कि बीबीसी दुनिया में 'सबसे भ्रष्ट' कोरपोरेशन है और इसका दुष्प्रचार और कांग्रेस का एजेंडा साथ साथ चलते हैं (IT Raid At BBC Office).
कांग्रेस ने मंगलवार को बीबीसी कार्यालय में आयकर विभाग के सर्वेक्षण अभियान को 'डराने की कार्रवाई' करार दिया और कहा कि सरकार आलोचना से डरती है. पार्टी महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने कहा, बीबीसी के दफ्तरों पर आयकर विभाग के छापे से सरकार की हताशा दिखती है, यह दिखाता है कि मोदी सरकार आलोचना से डरी हुई है. उन्होंने कहा, हम डराने-धमकाने के हथकंडों की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. यह अलोकतांत्रिक और तानाशाही रवैया और नहीं चल सकता.
'विनाश काले विपरीत बुद्धि' : कांग्रेस ने बीबीसी के दफ्तरों पर आयकर सर्वे को लेकर मंगलवार को सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 'विनाशकाले विपरीत बुद्धि.' पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने संवाददाताओं से कहा, 'हम अडाणी मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) जांच की मांग कर रहे हैं और सरकार बीबीसी के पीछे पड़ गई है. विनाशकाले विपरीत बुद्धि.'
तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने एक ट्वीट में मजाक उड़ाया, 'बीबीसी के दिल्ली कार्यालय में आयकर छापे की रिपोर्ट. वाह, वास्तव में? कितना अप्रत्याशित.' समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने हिंदी में लिखा, 'जब कोई सरकार निडरता के बजाय भय और दमन के लिए खड़ी हो, तो उसे यह महसूस करना चाहिए कि अंत निकट है.'
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्विटर पर लिखा, 'बीबीसी कार्यालय पर छापे का कारण और प्रभाव काफी स्पष्ट है. भारत सरकार सच बोलने वालों का पीछा कर रही है. चाहे फिर विपक्षी नेता हों, मीडिया, कार्यकर्ता हों या फिर कोई और मामला. इनके दस्ताने उतर गए हैं और सच्चाई के लिए लड़ने के लिए कीमत चुकानी पड़ती है.
वहीं, उद्धव ठाकरे गुट की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भाजपा सरकार को घेरते हुए ट्वीट किया कि बीबीसी कार्यालय पर छापा मारना भाजपा सरकार की घोर, प्रेरित और स्पष्ट प्रतिक्रिया है. कोई आश्चर्य की बात नहीं है. फिर भी असहमति की आवाजों को चुप कराने के लिए ये एक और तरीका है.
सीपीआईएम के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि पहले बीबीसी के वृत्तचित्रों पर प्रतिबंध लगाओ, अडाणी एक्सपोजर में कोई जेपीसी/जांच नहीं. अब बीबीसी के दफ्तरों पर आईटी का छापा! भारत: 'लोकतंत्र की जननी'?