नई दिल्ली:राजधानी में अगले महीने होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन की केंद्र सरकार जोर शोर से तैयारी कर रही है. इसके चलते दिल्ली में आयोजित होने वाले कई कार्यक्रमों को प्रशासन ने स्थगित करा दिया है. बहुत-सी जगहों से हॉकर्स और स्ट्रीट वेंडर्स को हटाया जा रहा है. इसी क्रम में आरोप है कि शनिवार को दिल्ली में शुरू हुए 'वी-20: ए पीपल्स समिट' को दिल्ली पुलिस द्वारा बंद करने का दबाव बनाया गया.
सम्मेलन के आयोजनकर्ता जो एथियाली ने 'ईटीवी भारत' को बताया कि मंडी हाउस स्थित एचकेएस सुरजीत भवन में तीन दिवसीय वी-20 नामक एक बैठक का आयोजन किया गया. शनिवार तड़के लगभग 30 पुलिसकर्मी कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे और लोगों को यह कहते हुए वहां प्रवेश करने से रोक दिया कि आयोजकों के पास सम्मेलन के लिए अनुमति नहीं थी. आयोजकों ने बताया कि पुलिस ने अंदर इकट्ठा हुए लोगों को भी बाहर जाने को कहा.
जो एथियाली ने बताया कि सम्मेलन अभी जारी है. फिलहाल बैठक में करीब 250 लोग मौजूद हैं, फिर भी पुलिसवालों ने किसी नए सदस्य को बैठक में जाने से रोक दिया. गौरतलब है कि यह सम्मेलन, जी-20 शिखर सम्मेलन के संदर्भ में लोगों के मुद्दों पर लोकतांत्रिक तरीके से चर्चा करने के इरादे से आयोजित किया गया है.
जी 20 शिखर सम्मेलन के संदर्भ में लोगों के मुद्दों पर लोकतांत्रिक तरीके से चर्चा करने के इरादे से बुलाया गया. इसमें देशभर से 500 से अधिक अर्थशास्त्री, कार्यकर्ता, पत्रकार और राजनेता भाग ले रहे हैं. उद्घाटन समारोह में इस तथ्य को केंद्र में रखा गया था कि जी 20, पारंपरिक और चयनित शक्तियों का एक 'अनौपचारिक विशिष्ट क्लब' है, जिसके निर्णय पूरी दुनिया की नीतियों और वित्तीय वास्तुकला को प्रभावित करते हैं.
इस सम्मेलन में जी-20 शिखर सम्मेलन के मेजबान के रूप में भारत के विशाल '51 करोड़ रुपये' आउटडोर विज्ञापन के बजट पर प्रकाश डाला गया. साथ ही वक्ताओं ने यह भी कहा कि गरीबों और उनके घरों को न सिर्फ छुपाया गया है, बल्कि उन्हें बेदखल कर दिया गया है और उन शहरों में गरीबों के घरों पर बुलडोजर चलाया गया, जहां जी-20 शिखर सम्मेलन की बैठकें हुईं.
दिल्ली के दीन दयाल उपाध्याय मार्ग स्थित हरकिशन सिंह सुरजीत भवन में लोगों के जमा होने की सूचना मिली थी. पुलिस टीम ने तत्काल कार्रवाई की और पाया कि उक्त भवन में लोग एकत्र थे और तंबू भी लगा हुआ था. पूछने पर आयोजक कोई वैध अनुमति पत्र नहीं दिखा सके. यहां तक कि उन्होंने कार्यक्रम और सभा के बारे में पुलिस को भी सूचना नहीं दी थी.