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बिहार में आधी रात को शराब ढूंढने घर में घुसी पुलिस, महिलाएं देती रहीं दुहाई, पुलिस करती रही पिटाई

बिहार में शराबबंदी के नाम पर अब पुलिस लोगों की प्राइवेसी भंग करने से भी नहीं हिचक रही है. वैसे नियामानुसार किसी भी घर अथवा जगह की तलाशी पुलिस बगैर सर्च वारंट हासिल किये नहीं कर सकती है. लेकिन नीतीश सरकार ने अब निजता कानून को ही माखौल बना दिया है. मुजफ्फरपुर में एक ऐसा ही मामला सामने आया है. पढ़ें पूरी खबर. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Apr 23, 2022, 7:53 PM IST

मुजफ्फरपुर:बिहार में पूर्ण शराबबंदी (Liquor Ban in Bihar) है. इसको प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए पुलिस तमाम कोशिशें कर रही है. आलम ये है कि सूचना मिलते ही बेहिचक किसी के भी घर में घुसकर पुलिस अवैध शराब ढूंढने में लग जाती है. इसी बीच मुजफ्फरपुर पुलिस के जवानों का एक शर्मसार करने वाला वीडियो वायरल (Police Raid Against Liquor Video Viral) हुआ है. मामला जिले के साहेबगंज थाना क्षेत्र का है. यहां गुलाब पट्टी गांव के एक घर में देर रात शराब ढूंढने पहुंची पुलिस और घर के सदस्यों के बीच भिड़ंत हो गई. इस दौरान पुलिस ने मकान मालिक की पिटाई भी कर दी. इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो घर में मौजूद युवक ने बना लिया और वीडियो वायरल कर दिया.

घर से बरामद हुई थी शराब: इस मामले में मुजफ्फरपुर पुलिस का कहना है कि गुप्त सूचना के आधार पर गुलाब पट्टी गांव में भगवान महतो के घर की तलाशी करने पहुंची थी. टीम को उसके घर में रखें एक तसला (डेकची) में करीब सात से आठ लीटर देसी शराब थी. जिसको पुलिस की टीम ने अपने कब्जे में ले लिया लेकिन तभी गृहस्वामी और घर के अन्य लोग ने पुलिस से शराब का तसला छीनकर उसे शौचालय की टंकी में बहा दिया. जिसके बाद पुलिस ने इसका विरोध किया तो घर के सदस्यों ने पुलिस पर हमला बोल दिया. जिसमें एएसआई एसएन भगत, जवान शंभू गिरी, राजकुमार मिश्र और भुवनेश्वर सिंह जख्मी हो गए. जिनका इलाज स्थानीय सीएचसी में कराया गया. इस घटना के बाद पुलिस ने गृहस्वामी भगवान महतो, फुल कुमारी देवी और रामू कुमार के विरुद्ध नामजद मामला दर्ज किया. जिसमें पुलिस टीम पर हमला सहित कई अन्य धारा में मामला दर्ज हुआ.

देखें वीडियो

पुलिस के आरोप को परिजनों ने बताया झूठा : वहीं, दूसरी ओर गृहस्वामी भगवान महतो सहित परिवार के आधा दर्जन सदस्यों ने सीएचसी में अपना इलाज कराया है. पीड़ित परिजनों ने शराब बरामदगी की आरोप को गलत बताते हुए कहा कि पुलिस गलत तरीके से घर में घुस गई है, जिसका वीडियो क्लिप भी है. वीडियो में देखा जा सकता है कि किस तरह से पुलिस घर के सदस्यों से मारपीट कर रही है. परिजनों का कहना है कि वीडियो में साफ दिख रहा है कि घर के किसी सदस्य ने पुलिस टीम पर हमला नहीं किया है. उनके पास पावर है, इसलिए घर के सदस्यों के खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया है.

पीड़ित परिवार ने बड़े अधिकारियों से लगाई गुहार : परिजनों का कहना है कि पुलिस बार-बार वीडियो डिलीट करने का दबाव बना रही थी. जब घर वालों ने इससे इंकार किया तो थानाध्यक्ष ओम प्रकाश और एलटीए प्रभारी पुरुषोत्तम कुमार ने घर के सदस्यों को बर्बाद कर देने का धमकी दी. ऐसे में पीड़ित परिवार ने बड़े अधिकारियों से गुहार लगाई है. उन लोगों का कहना है कि उनके हाथ में पावर है, हम तो आम जनता है. हालांकि इन लोगों का कहना है कि हमें बड़े अधिकारियों पर भरोसा है. हमें न्याय जरूर मिलेगा. घटना के बारे में बताते हुए परिवार के सभी सदस्य फूट-फूटकर रोने लगे.

शराबबंदी के नाम पुलिसिया हरकत: आपको बताते चलें कि पूर्व में भी शराबबंदी लगातार सुर्खियों में रही. कई जिलों में पुलिस की टीम सुर्खियां बटोरने में आगे रही है. गुप्त सूचना के आधार पर किसी के घर में भी पुलिस रेड करने पहुंच जाती है और अपनी पुलिसिया हरकत शुरू कर देती. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर रक्षक ही भक्षक बन जाए तो आम जनमानस का क्या होगा. फिलहाल, इस मामले को लेकर पुलिस ने अपने तरफ से मामला दर्ज कर लिया है तो वही पीड़ित परिवार इसे गलत आरोप बता रहे हैं. अब देखना होगा कि आगे इस पूरे प्रकरण में पुलिस की टीम और बड़े अधिकारियों का रोल क्या कुछ कर पाता है.

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पुलिस करेगी वायरल वीडियो की जांच: वहीं, पूरे मामले पर पूछे जाने पर सरैया एसडीपीओ राजेश शर्मा ने कहा कि यह मामला साहेबगंज थाना क्षेत्र का है. बुधवार की रात गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस की कार्रवाई हुई थी. उस दौरान घरवाले ने पुलिस पर हमला भी किया था, कई जवान घायल भी हुए थे. इसमें मामला दर्ज कर लिया गया है और पुलिस की कार्रवाई आगे चल रही है. वीडियो वायरल की जहां तक बात है तो उसकी भी जांच होगी.

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