नई दिल्ली :दिल्ली पुलिस उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा के दौरान राष्ट्रगान गाने के लिए मुस्लिम युवकों से मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों की पहचान नहीं कर पाई है. ये बात दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में दायर पूरक स्टेटस रिपोर्ट में कही है.
दिल्ली पुलिस ने कहा कि इस संबंध में चार वीडियो क्लिप में तीन वीडियो दूर से बनाए गए हैं और कम मेगा पिक्सल वाले मोबाइल से बने हैं.
चौथे वीडियो में जिन पुलिसकर्मियों को मुस्लिम युवकों को मारते दिखाया गया है, उसमें पुलिसकर्मियों ने हेलमेट पहन रखा था. इसकी वजह से उनका चेहरा पहचाना नहीं जा सका. दिल्ली पुलिस ने कहा कि चारों वीडियो क्लिप को फॉरेंसिक लैब भेजा गया है ताकि उनकी वीडियो क्वालिटी सुधारी जा सके.
170 पुलिसकर्मियों से की गई पूछताछ
दिल्ली पुलिस ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए 170 पुलिसकर्मियों से पूछताछ की जा चुकी है. ये सभी पुलिसकर्मी 24 फरवरी 2020 को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में कानून-व्यवस्था की ड्यूटी संभाल रहे थे.
24 और 25 फरवरी 2020 को ज्योति नगर थाने में तैनात एसएचओ और कानून-व्यवस्था की स्थिति देख रहे पुलिसकर्मियों से भी पूछताछ की गई. मृत युवक फैजान के अलावा 20 अन्य युवकों की देखभाल के लिए नियुक्त सब-इंस्पेक्टर से भी पूछताछ की गई थी.
ज्योति नगर थाने का सीसीटीवी फुटेज काम नहीं कर रहा था
दिल्ली पुलिस ने कहा कि इस संबंध में अभी तक कोई चश्मदीद गवाह सामने नहीं आया है. स्टेटस रिपोर्ट में कहा गया है कि वीडियो क्लिप से कुछ फोटो निकालकर निजी विशेषज्ञों के अलावा सभी जिला पुलिस और दूसरे बलों के इंचार्जों को पहचान करने के लिए भेजा गया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, जांच में पाया गया है कि 24 फरवरी को ज्योति नगर पुलिस थाने का सीसीटीवी तकनीकी खामियों की वजह से काम नहीं कर रहा था.
पुलिस की मारपीट का वीडियो हुआ था वायरल