नई दिल्ली :देश में पिछले एक साल में ड्यूटी के दौरान 377 सुरक्षा बलों ने अपनी जान गंवाई है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों, पूर्वोत्तर में सशस्त्र विद्रोहियों और नक्सलियों और वामपंथी उग्रवादियों से लड़ते हुए सुरक्षाकर्मियों की जान चली गई.
अधिकारी ने कहा, 'सुरक्षा बलों के जवानों द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान के अलावा वर्ष 2020-21 अप्रत्याशित चुनौतियों का भी रहा है. ऐसी ही एक चुनौती कोविड-19 महामारी के कारण पैदा हुई.'
जब पूरा देश कोरोना से जूझ रहा था, पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र बल (सीएपीएफ) के जवान उन व्यवस्थाओं में लगे थे कि कैसे इस महामारी से निपटा जा सके. इस लड़ाई में 2458 पुलिस और सीएपीएफ के जवान Covid 19 के शिकार हो गए.
पीएम मोदी-शाह ने दी श्रद्धांजलि
सुरक्षा कर्मियों द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 'मैं उन सभी पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि देता हूं, जिन्होंने ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवाई है.'
वहीं, इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'पुलिस बल साहस, धैर्य और परिश्रम का बेहतरीन उदाहरण है. पुलिस स्मृति दिवस पर राष्ट्र की ओर से, मैं उन सभी बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है. प्रत्येक के बलिदान और समर्पण पुलिसकर्मी हमें देश की सेवा करने के लिए प्रेरित करते हैं.
केंद्रीय और राज्य पुलिस बलों के कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय और अजय मिश्रा ने भी सुरक्षा कर्मियों द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान को याद करते हुए गुरुवार को नई दिल्ली में पुलिस स्मृति दिवस पर राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की. आजादी के बाद से अब तक पूरे भारत में 35,780 पुलिसकर्मी शहीद हो चुके हैं.