मुंबई : INS विक्रांत को बचाने के लिए इकट्ठा किए गए पैसे में कथित फर्जीवाड़े के मामले में मानखुर्द के ट्रॉम्बे पुलिस ने पूर्व भाजपा सांसद किरीट सोमैया और उनके बेटे बीएमसी पार्षद नील सोमैया को तलब किया है. पुलिस के अनुसार, पेशी के दौरान इम मामले में दोनों के बयान दर्ज किए जाएंगे.
बता दें कि एक पूर्व सैन्यकर्मी की शिकायत पर ट्रॉम्बे पुलिस थाने में किरीट सौमैया और उनके बेटे के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. पूर्व सैन्यकर्मी बबन भोंसले ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि भाजपा नेता किरीट सौमेया ने आईएनएस विक्रांत के लिए पैसे इकट्ठे करने के लिए अभियान शुरू किया था. उन्होंने भी देश की धरोहर को बचाने के लिए चंदा दिया था. भाजपा नेता ने इस अभियान के तहत 57 करोड़ रुपये से ज्यादा इकट्ठा कर लिए मगर इस रकम को महाराष्ट्र के राज्यपाल के सचिव कार्यालय में जमा नहीं किया.
ईडी के छापों और घोटालों के आरोपों के बाद महाराष्ट्र में राजनीति गरमा गई है. बुधवार को शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी किरीट सोमैया पर 57 करोड़ रुपये की हेराफेरी करने का आरोप लगाया था. वह इस मुद्दे पर लगातार हमले कर रहे हैं. इसका जवाब देते हुए किरीट सोमैया ने कहा कि आईएनएस विक्रांत को बचाने की मुहिम बालासाहेब ठाकरे के आशीर्वाद से शुरू हुई थी. उन्होंने पूछा कि क्या डिब्बों में 58 करोड़ जमा हो सकते हैं? सोमैया ने कहा कि संजय राऊत के पास कोई सबूत नहीं है. ये सिर्फ उन्हें फंसाने की कोशिश है. बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने कहा कि साल 2013 में 35 मिनट के आंदोलन में इतनी बड़ी रकम कैसे जमा हो सकती है? यह आंदोलन प्रतीकात्मक तौर पर किया गया था.
बीजेपी के एक नेता विवेकानंद गुप्ता ने तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ बैठक का एक फोटो ट्वीट किया है. इस फोटो में किरीट सोमैया के साथ संजय राउत और गोपीनाथ मुंडे भी हैं. इन नेताओं ने 2013 में राष्ट्रपति से मिलकर विक्रांत की नीलामी रोकने की मांग की थी. बता दें कि विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को 1961 में भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया था. जनवरी, 2014 में विक्रांत की ऑनलाइन नीलामी हुई थी.
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