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19 साल के शातिर फ्रेंचाइजी के नाम पर लगा चुके हैं करोड़ों का चूना, उत्तराखंड STF ने बिहार से चार ठगों को दबोचा

19 साल के साइबर ठगों का कारनाम देखकर उत्तराखंड एसटीएफ भी चौक गई. दरअसल, उत्तराखंड एसटीएफ ने एक साइबर गिरोह का पर्दाफाश करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें से तीन आरोपियों की उम्र 19 साल है और ये गिरोह अभी देशभर में लोगों को करोड़ों रुपए का चूना लगा चुके हैं. देश में इन 19 साल के साइबर ठगों पर 90 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं. उत्तराखंड के एक व्यक्ति को भी इन्होंने 35 लाख का चूना लगाया था.

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Published : Mar 23, 2023, 3:52 PM IST

जानकारी देते उत्तराखंड एसटीएफ के एसएसपी.

देहरादून: मैकडॉनल्ड्स और केएफसी जैसी फूड कंपनियों की फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम से करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले गैंग के चार सदस्यों को उत्तराखंड एसटीएफ ने बिहार के पटना से गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने खाते में जमा 6.5 लाख रुपए की धनराशि को फ्रीज कर दिया गया है.

उत्तराखंड एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने गुरुवार 23 मार्च को मामले का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि ये गिरोह नामी कंपनियों की फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को अपने जाल में फंसाते थे, फिर उनसे उक्त कंपनियों की फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर लाखों रूपए की ठगी करते थे.
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उत्तराखंड एसटीएफ ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ देशभर में करीब 90 शिकायतें दर्ज हैं, जिसमे 14 मुकदमे तेलंगाना और एक मुकदमा आंध्र प्रदेश में भी दर्ज है. बाकी के मुकदमे अलग-अलग राज्यों में दर्ज हुए हैं. पुलिस के अनुसार अब तक ये गिरोह इसी तरह करोड़ों रूपए की ठगी कर चुके हैं.

उत्तराखंड में व्यापारियों को बनाया था शिकार: उत्तराखंड एसटीएफ ने बताया कि ठगी का शिकार हुए आशुतोष ने इस मामले में एक शिकायत दर्ज कराई थी. आशुतोष ने पुलिस को बताया था कि उसने मैकडॉनल्ड्स की फ्रेंचाइजी लेने के लिए गूगल पर सर्च किया और उसके बाद ऑनलाइन वेबसाइट www.mcdonaldspartner.com मिला. इसी साइट पर आशुतोष ने मैकडॉनल्ड्स की फ्रेंचाइजी के लिए आवेदन किया. आवेदन के बाद मैकडॉनल्ड्स का कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजर बनकर एक व्यक्ति ने आशुतोष को कॉल किया और कहा कि उनका आवेदन स्वीकार कर लिया गया है.

इसके बाद दूसरे व्यक्ति ने खुद को मैकडॉनल्ड्स का हेड ऑफ वेरिफिकेशन टीम का सदस्य बताकर amit.jatia@mcdonalds.com से मेल कर रजिस्ट्रेशन, एनओसी और लाइसेंस फीस आदी के नाम पर करीब 35 लाख रुपए ऑनलाइन लिए. कुछ समय बाद जब आशुतोष ने उन नंबरों पर कॉल किया तो वो बंद आए, इसके बाद आशुतोष को अपने साथ हुई ठगी का अहसास हुआ. पुलिस ने आशुतोष की तहरीर पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और मामले की जांच शुरू की.
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उत्तराखंड एसटीएफ ने मामले की जांच शुरू की तो सामने आया कि आरोपी फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को इसी तरह अपने जाल में फंसाते हैं और उनका ये नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ है. पुलिस की जांच आगे बढ़ी तो उन्हें अन्य राज्यों से शिकायतों के लिंक भी प्राप्त हुए हैं.

ऐसे हुई गिरफ्तारी: आरोपियों का सुराग लगाने के लिए सबसे पहले पुलिस ने उन मोबाइल नंबरों और खातों की जानकारी एकत्र की, जिनका आरोपियों ने इस्तेमाल किया था. आरोपियों का मोबाइल नंबरों और बैंक खातों का नंबर बिहार के पटना का निकला. इसके बाद पुलिस की एक टीम को बिहार रवाना किया गया.

बिहार में टीम को चार लोग सन्नी, सूरज, चंदन कुमार और सन्नी के नाम सामने आए. चारों आरोपी पटना बिहार के ही रहने वाले है. पुलिस चोरों को गिरफ्तार कर उत्तराखंड लेकर आई. चार में तीन आरोपियों की उम्र 19 साल है. आरोपियों के कब्जे से पुलिस को 4 मोबाइल फोन, 12 सिम कार्ड और 2 डेबिट कार्ड बरामद हुए हैं.

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