नई दिल्ली : प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) ने अपने सदस्य विवेक देबरॉय के नए संविधान को अपनाने का सुझाव देने वाले लेख से दूरी बना ली है. उन्होंने कहा कि उनका यह लेख किसी भी तरह से ईएसी-पीएम के विचारों को प्रतिबिंबित नहीं करता है. ईएसी-पीएम ने ट्वीट किया, 'डॉ. विवेक देबरॉय का हालिया लेख उनका निजी विचार है. यह किसी भी तरह से ईएसी-पीएम या भारत सरकार के विचारों को प्रतिबिंबित नहीं करता है.' ट्वीट में कहा गया है कि ईएसी-पीएम भारत सरकार, विशेष रूप से प्रधानमंत्री को आर्थिक और संबंधित मुद्दों पर सलाह देने के लिए गठित एक स्वतंत्र निकाय है. देबरॉय परिषद के चेयरमैन हैं. हालांकि, ट्वीट में यह नहीं बताया गया है कि इसमें किस लेख का जिक्र है.
गौरतलब है कि देबरॉय ने इस सप्ताह की शुरुआत में मिंट में 'हम लोगों के लिए एक नए संविधान को अपनाने का मामला है' शीर्षक से एक लेख लिखा था और वर्तमान संविधान को औपनिवेशिक विरासत करार दिया था. देबरॉय ने लिखा था, "हम जो भी बहस करते हैं उसका अधिकांश हिस्सा संविधान के साथ शुरू और समाप्त होता है. कुछ संशोधनों से काम नहीं चलेगा. हमें 'ड्राइंग बोर्ड' पर वापस जाना चाहिए और पहले सिद्धांतों से शुरू करना चाहिए. यह पूछना चाहिए कि प्रस्तावना में इन शब्दों...समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, न्याय, स्वतंत्रता और समानता का अब क्या मतलब है. हम लोगों को खुद को एक नया संविधान देना चाहिए."