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संजय राउत की जमानत याचिका पर PMLA कोर्ट 27 सितंबर से करेगा सुनवाई

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Published : Sep 21, 2022, 1:08 PM IST

Updated : Sep 21, 2022, 1:25 PM IST

शिवसेना सांसद संजय राउत की जमानत याचिका पर 27 सितंबर से विशेष पीएमएलए कोर्ट में सुनवाई शुरू होगी. मामले में अदालत सह-आरोपी प्रवीण राउत की जमानत याचिका पर 23 सितंबर तक सुनवाई पूरी कर सकती है और फिर 27 सितंबर से संजय राउत की जमानत याचिका पर सुनवाई शुरू करेगी.

शिवसेना सांसद संजय राउत
शिवसेना सांसद संजय राउत

मुंबई: शिवसेना सांसद संजय राउत की जमानत याचिका (Sanjay Raut's bail plea) पर 27 सितंबर से विशेष पीएमएलए कोर्ट में सुनवाई शुरू होगी. मामले में अदालत सह-आरोपी प्रवीण राउत की जमानत याचिका पर 23 सितंबर तक सुनवाई पूरी कर सकती है और फिर 27 सितंबर से संजय राउत की जमानत याचिका पर सुनवाई शुरू करेगी. गौरतलब है कि पात्रा चॉल घोटाले (Patra Chawl land scam case) में शिवसेना सांसद संजय राउत की न्यायिक हिरासत को 14 दिनों के लिए बढ़ा गया था.

जिसके बाद उनकी जमानत याचिका पर बुधवार 21 सितंबर को सुनवाई होनी थी. लेकिन अब पीएमएलए कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका की सुनवाई के लिए 27 सितंबर की तारीख तय की है. कोर्ट के निर्देश के बाद ईडी अधिकारियों ने संजय राउत को पहले ही चार्जशीट की कॉपी सौंप दी थी. उस दौरान जानकारी यह भी सामने आई थी कि ईडी द्वारा दी गई चार्जशीट में पूर्व कृषि मंत्री का भी नाम है.

पढ़ें:जेलर को धमकाने के मामले में मुख्तार अंसारी दोषी करार, हाईकोर्ट ने सुनाई दो साल की सज़ा

इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने यहां एक आवास पुनर्विकास परियोजना में कथित अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तार शिवसेना के नेता एवं सांसद संजय राउत (Shiv Sena MP Sanjay Raut) की जमानत याचिका का शुक्रवार को भी विरोध किया था. राउत को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पात्रा चॉल घोटाला मामले में 1 अगस्त को गिरफ्तार किया था और तब से वह हिरासत में हैं.

ईडी ने शिवसेना सांसद का बयान दर्ज किया था. उसके बाद 31 जुलाई को उनके घर पर छापा मारा और हिरासत में लिया. 1 अगस्त की सुबह उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. मामला 672 किरायेदारों के लिए पात्रा चॉल की रुकी हुई पुनर्विकास परियोजना से संबंधित है, जिसे गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा लिया गया था, जिसमें संजय राउत के करीबी सहयोगी प्रवीण राउत निदेशकों में से एक थे.

ईडी ने दावा किया है कि परियोजना से एफएसआई की अवैध बिक्री से प्रवीण राउत को 112 करोड़ रुपये का फायदा हुआ था और उन्होंने आय का एक निश्चित हिस्सा संजय राउत और उनकी पत्नी को दिया था.

Last Updated : Sep 21, 2022, 1:25 PM IST

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