नई दिल्ली : केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय (Union Ministry of Rural Development) से मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत वर्ष 2019 में 38006 किलोमीटर, 2020 में 31736, 2021 में 40,931 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हुआ.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार जनवरी से दिसंबर 2021 में नई व हरित प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल (Use of green technologies) कर 13969 किलोमीटर सड़कों का निर्माण कार्य किया गया. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत इस साल 2022 में 42305 किमी सड़कें व 788 ब्रिज बनेंगे.
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना 1 व 2 इस साल सितंबर महीने तक जारी रहेगी. इसका उद्देश्य उत्तर पूर्व, हिमालय राज्यों व मैदानी इलाकों में सड़कों से न जुड़ी हुई बस्तियों को सड़क से जोड़ना है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार 1,78,184 बस्तियों में से 1,71,494 बस्तियां सड़कों से जुड़ी हुई हैं.
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना प्रतीकात्मक फोटो PMGSY 1 की शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी (Former Prime Minister Atal Bihari Vajpayee) के नेतृत्व वाली NDA सरकार के शासनकाल में साल 2000 में हुई थी. जबकि PMGSY 2 की शुरुआत UPA सरकार के शासनकाल में 2013 में हुई थी. PMGSY 1 का उद्देश्य दो सौ लोगों की आबादी वाले बस्तियों को बारहमासी सड़क उपलब्ध कराना है. PMGSY 2 का लक्ष्य मौजूदा ग्रामीण सड़क नेटवर्क के 50,000 किमी हिस्से का समेकन व उन्नयन था.
PMGSY 1 व 2 के अंतर्गत रोड कनेक्टिविटी से जो क्षेत्र रह गए थे. उन इलाकों में सड़कों का PMGSY 3 के तहत निर्माण किया जाएगा. PMGSY 3 के तहत आदिवासी इलाकों में 32152 किमी सड़कें बनेंगी. PMGSY 3 की शुरुआत 2019 में शुरु हुई थी जो मार्च 2025 तक जारी रहेगी.
PMGSY 3 की शुरुआत बस्तियों को अस्पतालों, ग्रामीण कृषि बाजारों, उच्च माध्यमिक स्कूलों इत्यादि से जोड़ने वाली 125000 किमी सड़कों के समेकन व उन्नयन के लिये की गई है. PMGSY 3 में करीब 33882 करोड़ रुपये खर्च होंगे जिसमें केंद्र सरकार की 22978 करोड़ रुपये हिस्सेदारी होगी.
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजना है. यह योजना केवल ग्रामीण इलाकों को कवर करती है. शहरी क्षेत्र की सड़कों को इस योजना से बाहर रखा गया है. संक्षेप में कहें तो इस योजना का मकसद सड़क से न जुड़ी हुई बस्तियों को बेहतर बारहमासी सड़क प्रदान करना है.
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जानकारों का मानना है कि देश के आर्थिक विकास के लिए गांवों में बेहतर रोड कनेक्टिविटी जरुरी है. यह योजना ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों के सामाजिक आर्थिक विकास में योगदान करते हुए, माल के बेहतर वितरण, सेवाओं, सुविधाओं व रोजगार के अवसरों का मार्ग प्रशस्त कर रहा है.