पीएम मोदी ने लॉन्च की पीएम विश्वकर्मा योजना वाराणसी:आज 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है. इस मौके पर उन्होंने कारीगरों को बड़ा तोहफा दिया. आज विश्वकर्मा जयंती के अवसर पीएम मोदी ने देश में 'पीएम विश्वकर्मा योजना' का शुभारंभ किया. इस योजना का आगाज पीएम मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से वर्चुअल माध्यम से किया. इस कार्यक्रम में केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री के प्रतिनिधि के तौर पर केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय मौजूद थे. रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में कार्यक्रम का शुभारंभ केंद्रीय मंत्री ने किया. इस दौरान लाभार्थियों को प्रमाण पत्र बांटे गए.
कार्यक्रम में उत्साह से लबलेज लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन के मौके पर काशी में 'पीएम विश्वकर्मा योजना' का शुभारंभ किया. इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय के साथ ही प्रदेश सरकार के मंत्री, वाराणसी के विधायक, एमएलसी व कई भाजपा नेता शामिल थे. इस कार्यक्रम में योजना के लाभार्थियों को भी बुलाया गया था. इस दौरान दक्षिण विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य कारीगरों को आर्थिक सहायता देना और उनके पारंपरिक कौशल के अभ्यास को बढ़ावा देना है. इस दौरान उन्होंने इस योजना के बारे में विस्तार से बताया.
लाभार्थियों को दिया जाएगा टूलकिट और स्टाइपेंड
विधायक नीलकंठ तिवारी ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को 15,000 रुपये का टूलकिट मिलेगा. इसके अलावा उन्हें स्किल ट्रेनिंग के साथ 500 रुपये प्रतिदिन का स्टाइपेंड भी मिलेगा. इस योजना के जो भी लाभार्थी होंगे, उन्हें सरकार द्वारा सर्टिफिकेट और आईडी भी मिलेगी. इस योजना में परिवार का केवल एक सदस्य ही आवेदन दे सकता है. उन्होंने बताया कि सरकार की इस योजना का उद्देश्य कारीगरों का विकास करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है. इसके लिए योजना के लाभार्थियों को एडवांस ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके साथ ही उनके कौशल विकास और आर्थिक सहयोग का ध्यान रखा जाएगा.
कार्यक्रम में मौजूद कई मंत्री 5 फीसदी ब्याज पर लोन, 13 हजार करोड़ रुपये होंगे खर्च
MSME के डिप्टी डायरेक्टर आरके चौधरी का कहना है कि लाभार्थियों को ट्रेनिंग दी जाएगी. अगर उसे लगता है कि उसे कुछ वित्तीय सहायता की जरूरत है तो सरकार उसे एक लाख रुपये तक का लोन देगी. इसका ब्याज 5 फीसदी रहेगा. अगर और पैसों की जरूरत पड़ती है तो वह फिर से 2 लाख रुपये के लोन के लिए आवेदन कर सकता है. यह लोन भी 5 फीसदी ब्याज पर ही मिलेगा. उन्होंने बताया कि हम लोग वाराणसी में अभी कम से कम 3000 के आस-पास लोगों को रजिस्टर करने वाले हैं. बता दें कि इस योजना के लिए 2023-24 से 2027-28 तक 13,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाने की योजना है.
कार्यक्रम का शुभारंभ करते केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय पीएम विश्वकर्मा योजना में कौन कर सकता है आवेदन
बढ़ई, नाव निर्माता, अस्त्रकार, लोहार, हथौड़ा, टूलकिट निर्माता, ताला बनाने वाला, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, मोची, राज मिस्त्री, टोकरी, चटाई और झाड़ू बनाने वाले, पारंपरिक गुड़िया और खिलौने बनाने वाले, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी और मछली का जाल बनाने वाले इस योजना के तहत अप्लाई कर सकते हैं. इसके लिए सरकार की तरफ से उन्हें ट्रेनिंग भी दी जाएगी. जरूरत पड़ने पर और लाभार्थी द्वारा आवेदन किए जाने पर लोन देने का भी प्रावधान किया जाएगा. इसके साथ ही लाभार्थियों को सर्टिफिकेट व आईडी भी दी जाएगी.
'काम को अधिक विस्तार देने का मिलेगा मौका'
MSME के डिप्टी डायरेक्टर आरके चौधरी का कहना है कि वाराणसी में इस योजना के अंतर्गत लाभ पाने वाले लाभार्थी काफी खुश नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि इस योजना से हमें अपना काम आगे बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी. इसके साथ ही हमें अपने काम को और अधिक विस्तार देने का भी मौका मिलेगा. उनका कहना है कि सरकार ट्रेनिंग देने की भी व्यवस्था कर रही है. ऐसे में उन लोगों को भी लाभ मिलेगा जो अपने पुश्तैनी काम को आगे बढ़ाना चाहते हैं. इसके साथ ही व्यवसाय के लिए लोन की भी सुविधा रहेगी, जिससे हमें कहीं और से पैसों की मदद लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी. हम अपना काम अच्छे से शुरू कर सकेंगे.
पीएम मोदी ने 15 अगस्त को किया था वादा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीन से कारीगरों को मुख्य धारा से जोड़ने का वादा किया था. उस वादे को अब पीएम मोदी ने अपने जन्मदिन और विश्वकर्मा जयंती के मौके पर पूरा कर दिया है. अब 18 अलग-अलग उद्यमों से जुड़े हाशिये पर खड़े कारीगरों को मुख्य धारा से जोड़ा जाएगा. वाराणसी में 18 उद्यमों से जुड़े कारीगरों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए प्रयास किए जाएंगे. इसके तहत ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाया जाएगा. साथ ही लोन भी मुहैया कराया जाएगा. सरकार का प्रयास रहेगा कि इससे कारीगरों और शिल्पियों का जीविकोपार्जन हो सके. उनकी प्राचीन कला भी संरक्षित रखी जा सके.
कार्यक्रम में मौजूद थे कई मंत्री और विधायक
योजना की लॉन्चिंग के लिए देशभर के 70 जगहों पर 70 मंत्री मौजूद थे. वहीं काशी में आयोजित हुए 'पीएम विश्वकर्मा योजना' कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के प्रतिनिधि के तौर पर केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय मौजूद थे. कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार रविंद्र जायसवाल, राज्यमंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु, दक्षिणी विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी, जिलाध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा, मेयर अशोक तिवारी सहित भाजपा के कई जनप्रतिनिधि शामिल थे.
यह भी पढ़ें:पीएम मोदी के 73वें जन्मदिन पर काशी में मां गंगा का अभिषेक, दीर्घायु की कामना