पुणे :प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को महाराष्ट्र के दौरे पर है. पुणे में पीएम मोदी को लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस अवसर पर उन्होंने पुणे मेट्रो के पहले चरण के दो गलियारों के पूर्ण हो चुके खंडों पर सेवाओं के उद्घाटन के अवसर पर मेट्रो ट्रेनों को झंडी दिखाई. इस अवसर पर महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित दादा पवार भी मंच पर उपस्थित रहे. पीएम मोदी ने मंगलवार को पुणे में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार ग्रहण करते हुए कहा कि एक-दूसरे पर भरोसा ही देश को मजबूत बनाएगा.
पीएम मोदी ने कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि अगर अविश्वास का माहौल है तो विकास असंभव है. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार के साथ मंच साझा किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकमान्य तिलक स्वतंत्र प्रेस के महत्व का समझते थे. उन्होंने कहा, "उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम की दिशा बदल दी. अंग्रेजों ने उन्हें भारतीय अशांति का जनक कहा था." उन्होंने कहा कि वह लोकमान्य तिलक के नाम पर पुरस्कार पाकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं, जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अग्रिम कतार में थे.
पीएम मोदी ने कहा, "अगर विदेशी आक्रमणकारियों के नाम पर रखी गई चीजों का नाम बदल दिया जाता है तो आज कुछ लोग असहज हो जाते हैं. लोकमान्य तिलक में युवा प्रतिभाओं की पहचान करने की अनूठी क्षमता थी. वीर सावरकर इसका एक उदाहरण थे." उन्होंने कहा कि तिलक को वीर सावरकर की क्षमता का एहसास हुआ और उन्होंने विदेश में उनकी शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. जब किसी पुरस्कार का नाम लोकमान्य तिलक के नाम पर रखा जाता है तो जिम्मेदारी बढ़ जाती है." प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई में पुणे के योगदान की भी सराहना की. इस अवसर पर पवार ने कहा कि भारत में पहली सर्जिकल स्ट्राइक छत्रपति शिवाजी के कार्यकाल में हुई थी. राकांपा नेता ने कहा कि देश ने दो युग देखे हैं- एक तिलक का और दूसरा महात्मा गांधी का.
कर्नाटक, राजस्थान की कांग्रेस सरकारों की आलोचना: पीएम मोदी ने कर्नाटक और राजस्थान में विकास के अभाव को लेकर कांग्रेस सरकारों की आलोचना की. उन्होंने कहा, "कर्नाटक सरकार ने स्वीकार किया है कि उसके पास बेंगलुरु के विकास के लिए धन नहीं है. राजस्थान में भी यही स्थिति है, जहां राज्य भारी कर्ज में डूबा हुआ है और विकास परियोजनाएं रुकी हुई हैं." उन्होंने कहा, "बेंगलुरु वैश्विक निवेशकों का केंद्र और एक आईटी हब है, लेकिन राज्य सरकार की घोषणा के दुष्परिणाम इतने कम समय में वहां देखने को मिल रहे हैं. अगर कोई पार्टी अपने स्वार्थ के लिए राज्य का खजाना खाली कर देती है, तो इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है. हम राजस्थान में भी यही स्थिति देख रहे हैं. वहां विकास कार्य ठप हैं."
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने सुबह लगभग 11 बजे दगडूशेठ मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना की. इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकमान्य तिलक को पुष्पांजलि अर्पित की. उन्हें लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इसके बाद प्रधानमंत्री ने मेट्रो के पहले चरण के दो गलियारों के पूर्ण हो चुके खंडों पर सेवाओं के उद्घाटन के अवसर पर मेट्रो ट्रेनों को झंडी दिखाई. ये खंड फुगेवाड़ी स्टेशन से सिविल कोर्ट स्टेशन और गरवारे कॉलेज स्टेशन से रूबी हॉल क्लिनिक स्टेशन तक हैं. प्रधानमंत्री ने 2016 में इस परियोजना की आधारशिला भी रखी थी. नए खंड पुणे शहर के महत्वपूर्ण स्थानों जैसे शिवाजी नगर, सिविल कोर्ट, पुणे नगर निगम कार्यालय, पुणे आरटीओ और पुणे रेलवे स्टेशन को जोड़ेंगे.
स्टेशनों पर छत्रपति शिवाजी महाराज की झलक : इस रूट पर कुछ मेट्रो स्टेशनों की रूपरेखा छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरणा लेकर बनाई गई है. छत्रपति संभाजी उद्यान मेट्रो स्टेशन और डेक्कन जिमखाना मेट्रो स्टेशनों की एक अनूठी रूपरेखा है जो छत्रपति शिवाजी महाराज के सैनिकों द्वारा पहने जाने वाले हेडगियर से मिलती-जुलती है, जिसे 'मावला पगाड़ी' भी कहा जाता है. शिवाजी नगर भूमिगत मेट्रो स्टेशन की एक विशिष्ट रूपरेखा है जो छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा निर्मित किलों की याद दिलाती है.
देश के सबसे गहरे मेट्रो स्टेशनों में से एक : एक और अनूठी विशेषता यह है कि सिविल कोर्ट मेट्रो स्टेशन देश के सबसे गहरे मेट्रो स्टेशनों में से एक है, जिसमें 33.1 मीटर का सबसे गहरा बिंदु है. स्टेशन की छत को इस तरह से बनाया गया है कि सीधी धूप प्लेटफॉर्म पर पड़े.
अपशिष्ट से ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन : प्रधानमंत्री पिंपरी चिंचवाड़ नगर निगम (पीसीएमसी) के तहत अपशिष्ट से ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन किया. लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत से विकसित, यह बिजली का उत्पादन करने के लिए सालाना लगभग 2.5 लाख मीट्रिक टन अपशिष्ट का उपयोग करेगा.