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PM security breach: पंजाब पुलिस ने खुफिया इनपुट का पालन नहीं किया, 'Blue Book Rules' को किया अनदेखा

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिकप्रदर्शनकारियों के बारे में खुफिया जानकारी होने के बावजूद, पंजाब पुलिस ने 'ब्लू बुक' का पालन नहीं किया और प्रधानमंत्री की यात्रा के लिए एक आकस्मिक मार्ग तैयार नहीं किया गया.

pm security breach
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Published : Jan 6, 2022, 9:21 AM IST

नई दिल्ली:बुधवार को पीएम मोदी (PM Modi) के पंजाब दौरे के दौरान सुरक्षा में हुई चूक (PM security breach) को लेकर पंजाब पुलिस और पंजाब सरकार की किरकिरी हो रही है. गृह मंत्री अमित शाह ने इस मामले में पंजाब सरकार से रिपोर्ट भी मांगी है. आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस मामले पर सियासत भी जमकर हो रही है. कांग्रेस और बीजेपी में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. इसी बीच गृह मंत्रालय के एक अधिकारी की मानें तो इस पूरे मामले में पंजाब पुलिस सवालों के कटघरे में है.

एएनआई न्यूज एजेंसी ने गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के हवाले से बताया है कि प्रदर्शनकारियों के बारे में खुफिया जानकारी (punjab police didn't follow intelligence inputs) होने के बावजूद, पंजाब पुलिस (Punjab Police) ने 'ब्लू बुक' नियमों (punjab police ignored blue book rules) का पालन नहीं किया और प्रधानमंत्री की यात्रा के लिए एक आकस्मिक मार्ग (contingency route) तैयार नहीं किया गया.

गौरतलब है कि विशेष सुरक्षा समूह यानी SPG की ब्लू बुक ((Blue Book)) में प्रधानमंत्री की सुरक्षा (PM Modi Security) को लेकर दिशा-निर्देश या गाइडलाइंस होती हैं. गृह मंत्रालय के अधिकारी के कहा कि "ब्लू बुक के अनुसार, राज्य पुलिस को किसी भी विपरीत परिस्थित में Protectee (सुरक्षा पाने वाले) के लिए आकस्मिक मार्ग तैयार करना होगा. ऐसी ही स्थिति बुधवार को पीएम के पंजाब दौरे के दौरान (PM Modi Security Lapse) थी."

अधिकारी के मुताबिक आईबी (Intelligence Bureau) के अधिकारी पंजाब पुलिस के संपर्क में थे और उन्हें प्रदर्शनकारियों के बारे में अलर्ट कर दिया गया था. पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने भी वीवीआईपी यानी प्रधानमंत्री की पूरी सुरक्षा का आश्वासन दिया था. एसपीजी के जवान पीएम के करीब रहते हैं, जबकि बाकी सुरक्षा के बंदोबस्त राज्य सरकार द्वारा किए जाते हैं. जबकि अचानक किसी घटनाक्रम या बदलाव के बारे में राज्य पुलिस एसपीजी को अपडेट करती है और फिर उसी आधार पर वीआईपी की आवाजाही या अन्य प्लान में बदलाव किया जाता है.

साल 2021 में, पाकिस्तान से पंजाब सीमा पर लगभग 150 ड्रोन देखे गए, कई ड्रोन में टिफिन बम, हथगोले, पिस्तौल और नकदी भी भरी हुई थी.

अधिकारी के मुताबिक गृह मंत्रालय की एक टीम प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान पंजाब पुलिस द्वारा की गई तैनाती का विवरण मांग रही है. जिसमें छत पर तैनाती से लेकर पुलिस पिकेट, बेरिकेड्स व अन्य सुरक्षा उपायों की जानकारी शामिल है. उन्होंने कहा, "खुफिया एजेंसियों से सुरक्षा चूक को लेकर रिपोर्ट मांगी गई है".

मंगलवार 4 नवंबर को पंजाब पुलिस ने फिरोजपुर जिले में भारत-पाक सीमा के पास एक खेत से विस्फोटक से भरा टिफिन बॉक्स बरामद किया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 42,750 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखने के लिए बुधवार को फिरोजपुर जाने वाले थे.

गृह मंत्रालय ने "गंभीर सुरक्षा चूक" का संज्ञान लिया है और पंजाब सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. राज्य सरकार को भी इस चूक की जिम्मेदारी तय करने और सख्त कार्रवाई करने को कहा गया है. गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पीएम मोदी बुधवार सुबह बठिंडा पहुंचे, जहां से उन्हें हेलीकॉप्टर से हुसैनीवाला स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाना था. बारिश और खराब दृश्यता के कारण प्रधानमंत्री ने करीब 20 मिनट तक मौसम साफ होने का इंतजार किया.

बयान में कहा गया है कि जब मौसम में सुधार नहीं हुआ तो तय हुआ कि वह सड़क मार्ग से राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाएंगे, जिसमें दो घंटे से अधिक समय लगेगा. डीजीपी पंजाब पुलिस द्वारा आवश्यक सुरक्षा प्रबंधों की आवश्यक पुष्टि के बाद प्रधानमंत्री सड़क मार्ग से यात्रा करने के लिए आगे बढ़े. हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक से करीब 30 किमी दूर जब प्रधानमंत्री का काफिला एक फ्लाईओवर पर पहुंचा तो पाया कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़क को जाम कर दिया था. जिसके कारण15 से 20 मिनट तक प्रधानमंत्री फ्लाईओवर पर फंसे रहे.

बयान के मुताबिक "यह प्रधान मंत्री की सुरक्षा में एक बड़ी चूक थी प्रधान मंत्री के कार्यक्रम और यात्रा योजना के बारे में पंजाब सरकार को काफी पहले ही सूचित कर दिया गया था. प्रक्रिया के अनुसार, उन्हें सुरक्षा के साथ-साथ एक आकस्मिक योजना भी बनानी थी."

"आकस्मिक योजना के तहत पंजाब सरकार को सड़क मार्ग से किसी भी तरह की आवाजाही को सुरक्षित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा तैनात करनी थी, जो तैनात नहीं थी. इस सुरक्षा चूक के बाद, बठिंडा हवाई अड्डे पर वापस जाने का फैसला लिया गया".

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