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अयोध्या में पीएम मोदी बोले, राम कर्तव्य का सजीव स्वरूप, सभी देशवासी लें प्रेरणा - अयोध्या रामलला दरबार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में रामलला के दर्शन कर भगवान राम के गुणों पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि राम कर्तव्य का सजीव स्वरूप हैं. हर देशवासी को उनसे प्रेरणा लेकर उनके दिखाए मार्ग पर चलना चाहिए.

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Published : Oct 23, 2022, 7:32 PM IST

अयोध्याःदिवाली की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या पहुंचकर रामलला का दर्शन और पूजन किया. इसके बाद पीएम मोदी मुख्य कार्यक्रम स्थल राम कथा पार्क पहुंचे, जहां पर उन्होंने भगवान राम का राज्याभिषेक किया. इस दौरान उन्होंने अयोध्या के साधु संतों से मुलाकात की. भगवान राम का राज्याभिषेक कार्यक्रम संपन्न होने के बाद पीएम मोदी ने अयोध्या के लोगों और देश के प्रति अपना संदेश भी दिया. इस दौरान पीएम मोदी ने अयोध्या के महत्व पर प्रकाश डाला. साथ ही कहा कि बीते 8 वर्षों में हमने राम मंदिर और काशी विश्वनाथ से लेकर केदारनाथ और महाकाल के मंदिर को पुनर्जीवित किया. एक समग्र प्रयास कैसे समग्र विकास का जरिया बन जाता है आज देश इसका साक्षी है.

पीएम मोदी ने देशवासियों को दिवाली की बधाई देते हुए राम के कर्तव्य पथ पर चलने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि इस बार दीपावली एक ऐसे समय में आई है, जब हमने कुछ समय पहले ही आजादी के 75 वर्ष पूरे किए हैं. हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं. आजादी के इस अमृत महोत्सव में भगवान राम जैसी शक्ति देश को ऊंचाई पर ले जाएगी. राम ने जिन मूल्यों को गढ़ा वह सबका विश्वास सबका साथ की प्रेरणा है.

पीएम मोदी ने कहा कि अगले 25 वर्षों में विकसित भारत की परिकल्पना पूरी करने में राम के आदर्श प्रकाश स्तंभ साबित होंगे. यह हमें कठिन से कठिन लक्ष्य को हासिल करने की प्रेरणा देंगे. इस बार लाल किले से मैंने पंच प्रणों को दिया था. अयोध्या में आज हमें इन संकल्पों को दोहराना है. श्रीराम से जितना सीख सकें, सीखना है. भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम कहे जाते हैं. मर्यादा मान रखना और देना सिखाती है.

धर्म ग्रंथों में कहा गया है कि राम कर्तव्य के सजीव स्वरूप हैं. वह जब जिस भूमिका में रहे उन्होंने कर्तव्यों में बल दिया. वह जब राजकुमार थे, तो उन्होंने ऋषियों व आश्रमों की सुरक्षा किया. पिता के प्रति अपना कर्तव्य निभाया, वह जब वन गए तो वनवासियों को गले लगाते हैं और शबरी के बेर खाते हैं. वह वनवासियों के साथ लंका पर विजय पाते हैं. वह उन्हीं को साथ लेकर शासन करते हैं. हमें उन्हीं की तरह कर्तव्यों के प्रति समर्पित होने की जरूरत है. प्रभु राम के रूप में कर्तव्यों का शाश्वत सांस्कृतिक बोध हैं, जितना कर्तव्यों का बोध करेंगे राम जैसे राज्य की परिकल्पना उतनी ही साकार होती जाएगी.

प्रभु राम ने कहा था कि मां और जन्मभूमि स्वर्ग से बढ़कर है. इसी आत्मविश्वास के साथ जब वह अयोध्या लौटकर आते हैं तो अयोध्या की तुलना स्वर्ग से बढ़कर होता है. एक समय था जब राम के बारे में हमारी संस्कृति और सभ्यता के बारे में बात करने पर बचा जाता था. इसी देश में राम के अस्तित्व पर प्रश्चचिह्न लगाए जाते थे. इसके चलते हमारे धार्मिक नगर पीछे छूटते चले गए. काशी और अयोध्या की दुर्दशा देखकर मन दुखी हो जाता था. हमने राम मंदिर से लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर का विकास कराया है. हमने आस्था के स्थानों को पुर्नजीवित किया है. एक समग्र विकास कैसे जरिया बनता है यह इसका उदाहरण है.

आज अयोध्या में करोड़ों का विकास हो रहा है. यहां का विकास नया आयाम छू रहा है. रेलवे स्टेशन के साथ ही एयरपोर्ट का निर्माण होगा. इसका लाभ पूरे देश को मिलेगा. रामायण सर्किट पर भी काम होगा. इसका विस्तार आसपास के कई शृंगरवेपुर पार्क में 51 फीट ऊंची निषादराज और भगवान राम की प्रतिमा लगाई जा रही है. यह प्रतिमा हमें सामनता और समरसा की संदेश देगी. अयोध्या में भारत और कोरिया के जरिए क्वीन हो मेमोरियल पार्क का निर्माण किया जा रहा है. इससे पर्यटन के नए अवसर और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.

पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि आज देश में चार धाम प्रोजेक्ट हो या फिर बुद्ध सर्किट हो यह नए भारत का संदेश, अयोध्या भारत की महान सांस्कृतिक का प्रतिबिंब है. राम के आदर्शों पर चलना हम सभी का कर्तव्य है. अयोध्या वालों पर इसकी दोहरी जिम्मेदारी है. वह दिन दूर नहीं जब यहां आने वाले लोगों की संख्या कई गुना बढ़ जाएगी. जहां-जहां कण में राम व्याप्त हों वहां के लोगों का मन कैसा हो यह भी महत्वपूर्ण है. अयोध्या वालों को सभी का स्वागत खुले दिल से करना है. अयोध्या कर्तव्य नगरी बननी चाहिए. अयोध्या के लिए योगीजी की सरकार काफी प्रयास कर रही है. यदि इस प्रयास के साथ अयोध्या के लोगों का साथ मिलेगा तो यह सार्थक रूप नजर आएगा. प्रभु राम से कामना है कि भारत का सामर्थ्य शिखर पर पहुंचे. नए भारत का संकल्प शिखर पर पहुंचे.

पीएम मोदी ने अयोध्या के लोगों को दी बड़ी जिम्मेदारी
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि आज अयोध्या नगरी से मेरा पूरे देश के लोगों के लिए एक प्रार्थना भी है, एक विनम्र निवेदन भी है. अयोध्या भारत की महान सांस्कृतिक विरासत की धुरी है. राम अयोध्या के राजकुमार थे, लेकिन वह आराध्य पूरे देश के हैं. उनकी प्रेरणा उनकी तपस्या उनका दिखाया मार्ग प्रत्येक देशवासी के लिए है. भगवान राम के आदर्शों पर चलना हम सभी भारतीयों का कर्तव्य है. उनके आदर्शों का आत्मसात कर जीना है जीवन में उतारना है. इस आदर्श पथ पर चलते हुए अयोध्या वासियों पर दोहरा दायित्व है.

पीएम ने कहा कि आने वाले समय में अयोध्या में पर्यटकों की संख्या 100 गुना बढ जाएगी. जहां कण-कण में राम व्याप्त हो वहां पर जन-जन कैसा हो, वहां के लोगों का मन कैसा हो यह भी उतना ही अहम है जैसे राम जी ने सबको अपनापन दिया वैसे ही अयोध्या वासियों को यहां आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का स्वागत अपनाना है.

उन्होंने कहा कि अयोध्या की पुण्य भूमि पर प्रभु श्रीराम से यही कामना करता हूं कि देश के जन-जन के प्रयासों से भारत का शिखर तक पहुंचे. नए भारत का हमारा सपना लोक कल्याण का माध्यम बने. अपना संबोधन समाप्त करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि एक बार फिर सभी देशवासियों को दीपावली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं. आप सभी को बहुत धन्यवाद, सियावर रामचंद्र की जय.

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