अयोध्याःदिवाली की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या पहुंचकर रामलला का दर्शन और पूजन किया. इसके बाद पीएम मोदी मुख्य कार्यक्रम स्थल राम कथा पार्क पहुंचे, जहां पर उन्होंने भगवान राम का राज्याभिषेक किया. इस दौरान उन्होंने अयोध्या के साधु संतों से मुलाकात की. भगवान राम का राज्याभिषेक कार्यक्रम संपन्न होने के बाद पीएम मोदी ने अयोध्या के लोगों और देश के प्रति अपना संदेश भी दिया. इस दौरान पीएम मोदी ने अयोध्या के महत्व पर प्रकाश डाला. साथ ही कहा कि बीते 8 वर्षों में हमने राम मंदिर और काशी विश्वनाथ से लेकर केदारनाथ और महाकाल के मंदिर को पुनर्जीवित किया. एक समग्र प्रयास कैसे समग्र विकास का जरिया बन जाता है आज देश इसका साक्षी है.
पीएम मोदी ने देशवासियों को दिवाली की बधाई देते हुए राम के कर्तव्य पथ पर चलने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि इस बार दीपावली एक ऐसे समय में आई है, जब हमने कुछ समय पहले ही आजादी के 75 वर्ष पूरे किए हैं. हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं. आजादी के इस अमृत महोत्सव में भगवान राम जैसी शक्ति देश को ऊंचाई पर ले जाएगी. राम ने जिन मूल्यों को गढ़ा वह सबका विश्वास सबका साथ की प्रेरणा है.
पीएम मोदी ने कहा कि अगले 25 वर्षों में विकसित भारत की परिकल्पना पूरी करने में राम के आदर्श प्रकाश स्तंभ साबित होंगे. यह हमें कठिन से कठिन लक्ष्य को हासिल करने की प्रेरणा देंगे. इस बार लाल किले से मैंने पंच प्रणों को दिया था. अयोध्या में आज हमें इन संकल्पों को दोहराना है. श्रीराम से जितना सीख सकें, सीखना है. भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम कहे जाते हैं. मर्यादा मान रखना और देना सिखाती है.
धर्म ग्रंथों में कहा गया है कि राम कर्तव्य के सजीव स्वरूप हैं. वह जब जिस भूमिका में रहे उन्होंने कर्तव्यों में बल दिया. वह जब राजकुमार थे, तो उन्होंने ऋषियों व आश्रमों की सुरक्षा किया. पिता के प्रति अपना कर्तव्य निभाया, वह जब वन गए तो वनवासियों को गले लगाते हैं और शबरी के बेर खाते हैं. वह वनवासियों के साथ लंका पर विजय पाते हैं. वह उन्हीं को साथ लेकर शासन करते हैं. हमें उन्हीं की तरह कर्तव्यों के प्रति समर्पित होने की जरूरत है. प्रभु राम के रूप में कर्तव्यों का शाश्वत सांस्कृतिक बोध हैं, जितना कर्तव्यों का बोध करेंगे राम जैसे राज्य की परिकल्पना उतनी ही साकार होती जाएगी.
प्रभु राम ने कहा था कि मां और जन्मभूमि स्वर्ग से बढ़कर है. इसी आत्मविश्वास के साथ जब वह अयोध्या लौटकर आते हैं तो अयोध्या की तुलना स्वर्ग से बढ़कर होता है. एक समय था जब राम के बारे में हमारी संस्कृति और सभ्यता के बारे में बात करने पर बचा जाता था. इसी देश में राम के अस्तित्व पर प्रश्चचिह्न लगाए जाते थे. इसके चलते हमारे धार्मिक नगर पीछे छूटते चले गए. काशी और अयोध्या की दुर्दशा देखकर मन दुखी हो जाता था. हमने राम मंदिर से लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर का विकास कराया है. हमने आस्था के स्थानों को पुर्नजीवित किया है. एक समग्र विकास कैसे जरिया बनता है यह इसका उदाहरण है.