वाराणसी :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को वाराणसी में बनारसी लहजे में अपनी बात कही. लगभग 1780 करोड़ रुपए की 28 परियोजनाओं की सौगात काशी को देते हुए कहा कि काशी नगरी शाश्वत धारा है. यह हजारों वर्षों से मानवता के प्रयासों और परिश्रम की साक्षी रही है. चुनौती चाहे कितनी भी बड़ी क्यों न हो, जब सबका प्रयास होता है तो नया रास्ता भी निकलता है. मुझे विश्वास है कि टीबी जैसी बीमारी के खिलाफ वैश्विक संकल्प को काशी एक नई ऊर्जा देगी.
रोप-वे का उद्घाटन करते हुए पीएम ने कहा कि आज बनारस की सुख सम्रद्धि में एक और अध्याय जुड़ रहा है. यहां पब्लिक ट्रासंपोर्ट का शिलान्यास हुआ है. करोड़ों की अन्य सौगात मिली है जिसमे जनता के लिए बहुत से प्रोजेक्ट शामिल हैं. अब बनारस को एक औऱ विश्व स्तरीय संस्था मिल रही है. आज काशी के विकाश की चर्चा पूरे विश्व में हो रही है. आज काशी के विकास पर जो लोगों को संशय था, उसको गलत साबित किया. आज पुरातन और नूतन रूप एक साथ दिखता है.
मुझे विदेश में मिलने वाले बताते है कि विश्वनाथ धाम के काम गंगा घाट के काम से प्रभावित है, रिवर क्रूज की चर्चा हुई है पहले गंगा में ये सोचना मुश्किल था, आपने ये संभव किया. एक साल के अंदर 7 करोड़ से ज्यादा पर्यटक काशी आए. वो कभी पूड़ी कचैड़ी खा रहा हैं, कोई लस्सी खाई रहा है कोई ठंडाई पी रहा है, कोई लौंगलता खा रहा है. यहां आने वाले लोग बनारस के हर परिवार के लिए आय के साधन ला रहे हैं. जिस तेजी से विकास बनारस का हो रहा है उसको नई गति दी रही है, अब हमें एक कदम और आगे बढ़ना है, यहां रोपवे के जरिये काशी की सुविधा और आकर्षक दोनों बढ़ेगा.
कैंट और विश्वनाथ धाम की दूरी बहुत कम होगी, कैंट से गोदौलिया के बीच जाम कम होगा. यहां दूसरे राज्यों और आस पास के जिलों से भी दूसरे काम से आते हैं. लेकिन जाम के कारण घूमने नहीं आते. ऐसे लोगों को रोपवे से बहुत फायदा होगा, कैंट के ऊपर इसका स्टेशन होगा, जिससे इसका लाभ मिलेगा सब वहीं मिलेगा.
आज बनारस की एयर कनेक्टिविटी का भी काम बेहतर हुआ है. 50 से ज्यादा विमान ऑपरेट होते हैं. नए एटीसी टावर से नए एयरपोर्ट का काम आसान होगा और नए विमान आ सकेंगे, काशी में स्मार्ट सिटी मिशन ने बहुत अच्छा काम किया है गंगा के दोनों तरफ पर्यावरण का काम होगा इसके लिये प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा, बनारस के साथ पूरा पूर्वांचल किसानों के लिए बड़ा हव बन रहा है, आज बनारस के लंगड़ा आम, जौनपुर की मूली और भिंडी विदेशी धरती तक पहुंच रही है, ज्यादा एक्सोर्ट ज्यादा पैसा किसानो तक पहुंच रहा है.