नई दिल्ली :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि चार दिन बाद नया साल शुरू होने वाला है. अगले साल अगली मन की बात होगी.
पीएम ने कहा कि अर्जुन ने भगवान से प्रश्न किया, जिज्ञासा की, तभी तो गीता का ज्ञान संसार को मिला. गीता की ही तरह हमारी संस्कृति में जितना भी ज्ञान है, सब जिज्ञासा से ही शुरू होता है.
कश्मीरी केसर को मिला जीआई टैग
कश्मीरी केसर को जीआई टैग का सर्टिफिकेट मिलने के बाद दुबई के एक सुपर मार्किट में इसे लॉन्च किया गया. अब इसका निर्यात बढ़ने लगेगा. यह आत्मनिर्भर भारत बनाने के हमारे प्रयासों को और मजबूती देगा. केसर के किसानों को इससे विशेष रूप से लाभ होगा.
कश्मीरी केसर वैश्विक स्तर पर एक ऐसे मसाले के रूप में प्रसिद्ध है, जिसके कई प्रकार के औषधीय गुण हैं.
कश्मीरी केसर मुख्य रूप से पुलवामा, बडगाम और किश्तवाड़ जैसी जगहों पर उगाया जाता है. इसी साल मई में, कश्मीरी केसर को जियोग्रफाकिकल इंडीकेशन टैग यानि जीआई टैग दिया गया. इसके जरिए, हम, कश्मीरी केसर को एक ग्लोबली पॉप्युलक ब्रांड बनाना चाहते हैं.
जुनून और दृढ़निश्चय ऐसी दो चीजें हैं जिनसे लोग हर लक्ष्य प्राप्त कर सकते है.
देश में तेंदुओं की संख्या 60 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ी
भारत ने 2014-2018 के बीच तेंदुए की आबादी में 60 प्रतिशत की वृद्धि देखी है. 2014 में भारत में तेंदुए की आबादी लगभग 7,900 थी. यह 2019 में बढ़कर 12,852 हो गया. देश के अधिकांश हिस्सों में, विशेषकर मध्य भारत में, इनकी आबादी बढ़ गई है.
मेरे प्यारे देशवासियो, अब मैं एक ऐसी बात बताने जा रहा हूं, जिससे आपको आनंद भी आएगा और गर्व भी होगा. भारत में तेंदुओं की संख्या में, 2014 से 2018 के बीच, 60 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है.
गुरु गोविंद सिंह को किया याद
आज ही के दिन गुरु गोविंद सिंह जी की माताजी गुजर कौर ने भी शहादत दी थी. लोग, श्रीगुरु गोविंद सिंह जी के परिवार के लोगों के द्वारा दी गई शहादत को बड़ी भावपूर्ण अवस्था में याद करते हैं. इस शहादत ने संपूर्ण मानवता को, देश को नई सीख दी.
पीएम मोदी ने जोरावर सिंह को किया याद
पीएम मोदी ने कहा हमारे साहिबजादों ने इतनी कम उम्र में भी गजब का साहस दिखाया, इच्छाशक्ति दिखाई. दीवार में चुने जाते समय, पत्थर लगते रहे, दीवार ऊंची होती रही, मौत सामने मंडरा रही थी, लेकिन, फिर भी वो टस-से-मस नहीं हुए.
आज के ही दिन गुरु गोविंद जी के पुत्रों, साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह को दीवार में जिंदा चुनवा दिया गया था. अत्याचारी चाहते थे कि साहिबजादे अपनी आस्था छोड़ दें, महान गुरु परंपरा की सीख छोड़ दें.
मेरे प्यारे देशवासियो, हमारे देश में आतताइयों से, अत्याचारियों से, देश की हजारों साल पुरानी संस्कृति, सभ्यता, हमारे रीति-रिवाज को बचाने के लिए, कितने बड़े बलिदान दिए गए हैं, आज उन्हें याद करने का भी दिन है.
'वोकल फॉर लोकल की भावना बनाए रखना है'
दिल्ली एनसीआर और देश के दूसरे शहरों में ठिठुरती ठंड के बीच बेघर पशुओं की देखभाल के लिए कई लोग, बहुत कुछ कर रहे हैं. वे उन पशुओं के खाने-पीने और उनके लिए स्वेटर और बिस्तर तक का इंतजाम करते हैं. साथियो, हमें वोकल फॉर लोकल की भावना को बनाए रखना है, बचाए रखना है, और बढ़ाते ही रहना है.
प्रधानमंत्री ने कहा, मैं देश के मैन्यूफैक्चरर्स और इंडस्ट्री लीडर्स से आग्रह करता हूं. देश के लोगों ने मजबूत कदम उठाया है, मजबूत कदम आगे बढ़ाया है. वोकल फॉर लोकल ये आज घर-घर में गूंज रहा है. ऐसे में अब, यह सुनिश्चित करने का समय है, कि, हमारे प्रोडक्ट्स विश्वस्तरीय हों.
बाघों की संख्या में इजाफा
देश में बाघों की संख्या को लेकर उन्होंने कहा कि मध्य भारत में बाघों की संख्या में इजाफा हुआ है. उन्होंने यह भी कहा कि देश में वन्यजीवों का संरक्षण करने वाले लोग वाकई में बधाई के पात्र हैं.
देश में बढ़ी तेंदुओं की संख्या- पीएम मोदी
पीएम बोले, तमिलनाडु के कोयंबटूर में एक ह्रदयस्पर्शी प्रयास के बारे में पढ़ा. आपने भी सोशल मीडिया पर इसके विजुअल्स देखे होंगे. आपको इन बातों की भी जानकारी होगी कि पिछले कुछ सालों में, भारत में शेरों की आबादी बढ़ी है, बाघों की संख्या में भी वृद्धि हुई है, साथ ही, भारतीय वनक्षेत्र में भी इजाफा हुआ है. देश के अधिकतर राज्यों में, विशेषकर मध्य भारत में, तेंदुओं की संख्या बढ़ी है.
'भारत में बने उत्पादों का करें इस्तेमाल'
मैंने पहले भी कहा है और फिर से देशवासियों से आग्रह करुंगा. आप एक सूची बनाएं. दिनभर हम जो चीजें काम में लेते हैं, उन सभी चीजों की विवेचना करें और ये देखें कि अनजाने में कौन सी विदेश में बनी चीजों ने हमारे जीवन में प्रवेश कर लिया है. एक प्रकार से हमें बंदी बना लिया है. इनके भारत में बने विकल्पों का पता करें और ये भी तय करें कि आगे से भारत में बने, भारत के लोगों की मेहनत से, पसीने से बने उत्पादों का हम इस्तेमाल करें. आप हर साल न्यू ईयर रिसॉल्यूशन लेते हैं. इस बार एक रिसॉल्यूशन अपने देश के लिए भी जरूर लें.
'मैंने देश में आशा की एक अद्भुत प्रवाह भी देखा'
साथियों, देश के सामान्य से सामान्य मानवी ने इस बदलाव को महसूस किया है. मैंने देश में आशा की एक अद्भुत प्रवाह भी देखा है. चुनौतियां खूब आईं. संकट भी अनेक आए. कोरोना के कारण दुनिया में सप्लाई चेन को लेकर अेक बाधाएं भी आईं, लेकिन हमने हर संकट से नए सबक लिए. देश में नया सामर्थ्य भी पैदा हुआ. अगर शब्दों में कहना है तो इस सामर्थ्य का नाम है आत्मनिर्भरता.
नए साल में देश को शुभकामनाएं
पीएम ने कहा, मेरे सामने आपकी लिखी ढ़ेर सारी चिट्ठियां हैं. आप जो सुझाव भेजते हैं, वो भी मेरे सामने हैं. कितने ही लोगों ने फोन करके अपनी बात बताई है. ज्यादातर संदेशों में, बीते हुए वर्ष के अनुभव और 2021 से जुड़े संकल्प हैं. हमारा देश 2021 में उन्नति के मार्ग पर आगे बढ़े. इस बार नए साल में देश को शुभकामनाएं देनी चाहिए.
गुरु गोविंद सिंह ने दिए बलिदान
मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि देश की सभ्यता संस्कृति को बचाने के लिए गुरु गोविंद सिंह ने बड़े बलिदान दिए. उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह के पुत्रों को आज दीवार में चिनवा दिया गया.
दीवार में चुने जाते समय भी वे टस से मस नहीं हुए.
'देशवासियों की सामूहिक शक्ति की प्रशंसा'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, अधिकतर पत्रों में लोगों ने देश के सामर्थ्य, देशवासियों की सामूहिक शक्ति की भरपूर प्रशंसा की है. जब जनता कर्फ्यू जैसा अभिनव प्रयोग, पूरे विश्व के लिए प्रेरणा बना, जब ताली-थाली बजाकर देश ने हमारे कोरोना वॉरियर्स का सम्मान किया था, एकजुटता दिखाई थी उसे भी कई लोगों ने याद किया है.
कोरोना वायरस के कारण साल 2020 काफी उथल-पुथल भरा रहा. ऐसे में पीएम ने ट्वीट कर लिखा, 'बीते हुए साल को आप कैसे देखते हैं? 2021 में क्या देखना चाहेंगे? यह 27 दिसंबर को साल 2020 के आखिरी मन की बात में शेयर करें.
MyGov, NaMo App पर लिखें या फिर अपना संदेश 1800-11-7800 पर रिकॉर्ड करें. मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी विभिन्न मुद्दों के बारे में बात करते हैं. मन की बात में पीएम मोदी के संबोधन को डीडी, ऑल इंडिया रेडियो, नमो मोबाइल ऐप के जरिए सुना जा सकता है.