नई दिल्ली / जयपुर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को राजस्थान के जयपुर स्थित पेट्रोरसायन प्रौद्योगिकी संस्थान (CIPET) का उद्घाटन किया और राज्य के बांसवाड़ा, सिरोही, हनुमानगढ़ और दौसा जिलों में चार नए चिकित्सा महाविद्यालयों की आधारशिला भी रखी.
वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने रिमोट का बटन दबाकर सीआईपीईटी यानी 'सिपेट' का उद्घाटन और चारों चिकित्सा महाविद्यालयों का शिलान्यास किया. उद्घाटन और शिलान्यास समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और गजेंद्र सिंह शेखावत सहित अन्य मंत्री और जन प्रतिनिधि सम्मिलित हुए.
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कोविड-19 का उल्लेख करते हुए कहा कि 100 साल की सबसे बड़ी इस महामारी ने स्वास्थ्य क्षेत्र में अनेक चुनौतियां खड़ी कीं और इसने बहुत कुछ सिखाया भी है.
उन्होंने कहा, 'हर देश अपने अपने तरीके से इस संकट से निपटने में जुटा है. भारत ने इस आपदा में 'आत्मनिर्भरता' का और अपने सामर्थ्य में बढ़ोतरी का संकल्प लिया है.' उन्होंने कहा कि राजस्थान में चार चिकित्सा महाविद्यालयों के निर्माण कार्य की शुरुआत और जयपुर में सिपेट का उद्घाटन इसी दिशा में एक अहम कदम है.
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इसके लिए राजस्थान के नागरिकों को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि साल 2014 के बाद से राजस्थान में 23 नए चिकित्सा महाविद्यालयों के लिए केंद्र सरकार ने स्वीकृति दी थी जिनमें से सात चिकित्सा महाविद्यालयों ने काम करना शुरू कर दिया है और आज बांसवाड़ा, सिरोही, हनुमानगढ़ और दौसा में नए चिकित्सा महाविद्यालय के निर्माण की शुरुआत हुई है. उन्होंने उम्मीद जताई कि इन नए चिकित्सा महाविद्यालयों का निर्माण राज्य सरकार के सहयोग से समय पर पूरा होगा.
बिरला ने इस अवसर पर कहा कि यह कदम आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगा. उन्होंने कहा कि आज देश में स्वास्थ्य संसाधनों में वृद्धि हुई है और इन चारों चिकित्सा महाविद्यालयों के बन जाने से राज्य के दूरदराज के क्षेत्रों के लोगों को लाभ मिलेगा. भारत सरकार पेट्रोरसायन प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना राजस्थान सरकार के साथ मिलकर कर रही है.
इन मेडिकल कॉलेजों को, जिला व रेफरल अस्पतालों से संबद्ध नए चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित करने की केन्द्र प्रायोजित योजना के तहत मंजूरी दी गई हैं. इसके लिए विकास की दृष्टि से पिछड़े, सुविधा वंचित और आकांक्षी जिलों को प्राथमिकता दी गई है. इस योजना के तीन चरणों के अंतर्गत पूरे देश में 157 नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे.