नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को विकासशील देशों को जलवायु परिवर्तन से निपटने में सक्षम बनाने के लिए पर्याप्त जलवायु वित्तपोषण और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण का आह्वान किया. विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दुबई रवाना होने से पहले मोदी ने कहा कि जब जलवायु कार्रवाई की बात आती है तो भारत ने जो कहा है वह करके दिखाया है. उन्होंने जी20 की अध्यक्षता के दौरान भारत द्वारा इस मुद्दे को दिए गए महत्व को भी रेखांकित किया.
उन्होंने कहा, 'जी20 की हमारी अध्यक्षता के दौरान जलवायु हमारी प्राथमिकता में सबसे ऊपर थी. नई दिल्ली घोषणापत्र में जलवायु कार्रवाई और सतत विकास पर कई ठोस कदम शामिल हैं. मैं इन मुद्दों पर आम सहमति को आगे ले जाने के लिए सीओपी28 में उम्मीद करता हूं.' मोदी जलवायु पर संयुक्त राष्ट्र के ‘कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज’ के दौरान शुक्रवार को विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, जिसे सीओपी28 के नाम से जाना जाता है.
ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और जलवायु परिवर्तन से प्रभावी ढंग से निपटने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए कई विश्व नेता जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले हैं. विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन सीओपी 28 का उच्च स्तरीय खंड है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, 'प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सीओपी28 विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दुबई की यात्रा पर रवाना हो गए हैं. जलवायु परिवर्तन के गंभीर मुद्दे पर वैश्विक नेताओं के साथ चर्चा करने और जलवायु लक्ष्यों को हासिल करने में भारत की प्रगति एवं जलवायु कार्रवाई पर आगे की योजनाओं को प्रदर्शित करने का मौका है.'