बाली : इंडोनेशिया के बाली में कार्यक्रम स्थल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचने के बाद भारतीय समुदाय के कार्यक्रम में लोगों का अभिवादन स्वीकार किया. इस मौके पर उन्होंने बाली में वाद्य यंत्र भी बजाया. अब पीएम मोदी कार्यक्रम को संबोधित कर कहा कि बाली आने के बाद अलग ही एहसास होता है. इंडोनेशिया ने परंपरा को जीवंत रखा है. उन्होंने कहा, 'बाली आने के बाद हर भारतीय को एक अलग ही अनुभूति होती है और मैं भी वही महसूस कर रहा हूं. जिस जगह के साथ भारत का हजारों वर्षों का रिश्ता रहा हो, जिसके बारे में सुनते रहते हो. पीढ़ी दर पीढ़ी उस परंपरा को आगे बढ़ाया पर कभी ओझल नहीं होने दिया.' यहां जी20 शिखर सम्मेलन से इतर प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए मोदी ने इंडोनेशिया में 2018 में आये विनाशकारी भूकंप और मानवीय सहायता के लिए भारत द्वारा 'ऑपरेशन समुद्र मैत्री' चलाये जाने को याद किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और इंडोनेशिया के बीच संबंध अच्छे और मुश्किल, दोनों ही समय में मजबूत रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा, " भारत और इंडोनेशिया का साथ सिर्फ सुख का नहीं है. हम सुख-दुख में एक दूसरे के दुख को बांटने वाले हैं. 2018 में जब जकार्ता की यात्रा की थी, तो उस समय कहा था भारत और इंडोनेशिया के बीच भले ही 90 समुद्री मील की दूरी है, लेकिन हकीकत में, हम 90 समुद्री मील दूर नहीं, बल्कि 90 समुद्री मील करीब हैं." उन्होंने कहा, "ऐसे समय में, जब भारत में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, हम इंडोनेशिया की रामायण परंपरा को भी गर्व से याद कर रहे हैं." मोदी ने कहा कि 15 अगस्त (2022) को भारत ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाई, जबकि इंडोनेशिया का स्वतंत्रता दिवस इसके ठीक दो दिन बाद 17 अगस्त को आता है. उन्होंने कहा, 'भारत का प्रतिभा, भारत की टेक्नोलॉजी, भारत का इनोवेशन, भारत का उद्योग इन सब ने दुनिया में अपनी एक पहचान बनाई है. आज दुनिया की बहुत सी बड़ी कंपनियां ऐसी हैं, जिनके CEO भारत के हैं. आज दुनिया के 10 यूनिकॉर्न बनते हैं तो उनमें से एक भारत का होता है.'
उन्होंने कहा, 'आज जिस समय मैं आपसे बात कर रहा हूं इसी पल बाली से 1500 किलोमीटर दूर भारत के ओडिशा स्थित कटक शहर में महानदी के किनारे बाली जात्रा का महोत्सव चल रहा है. ये महोत्सव भारत और इंडोनेशिया के बीच हजारों वर्षों के ट्रेड संबंधों का जश्न है...कोविड के कारण कुछ रूकावटें आईं थीं, लेकिन अब बाली जात्रा भव्यता के साथ लाखों लोगों की भागीदारी के साथ मनाया जा रहा है.' उन्होंने कहा कि भारत और इंडोनेशिया 21वीं सदी में एक दूसरे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं. इंडोनेशिया की जमीन ने भारत से आए हुए लोगों को प्यार से स्वीकार किया, उन्हें अपने समाज में शामिल किया.