नई दिल्ली :प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को जल संरक्षण के महत्व को रेखांकित करते हुए देश के विभिन्न इलाकों में हो रहे प्रयासों का जिक्र किया और देशवासियों से इन अभियानों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की. आकाशवाणी पर प्रसारित मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 103वीं कड़ी में अपने विचार साझा करते हुए मोदी ने सावन के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व को भी रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि इस वजह से देश के ज्योर्तिलिंगों में श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ भी हो रही है.
पीएम मोदी ने कहा, 'बारिश का यही समय वृक्षारोपण और जल संरक्षण के लिए भी उतना ही जरूरी होता है. आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान बने 60 हजार से ज्यादा अमृत सरोवरों में भी रौनक बढ़ गई है. अभी 50 हजार से ज्यादा अमृत सरोवर बनाने का काम जारी है. हमारे देशवासी पूरी जागरूकता और जिम्मेदारी के साथ जल संरक्षण के लिए नये-नये प्रयास कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के पकरिया गांव में जनजातीय समुदाय के लोगों द्वारा सौ कुओं को पुनर्विकसित करने और उत्तर प्रदेश में एक दिन में 30 करोड़ पेड़ लगाने का रिकार्ड बनाए जाने का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयास जन-भागीदारी के साथ-साथ जन-जागरण के भी बड़े उदाहरण हैं. मोदी ने कहा, 'मैं चाहूंगा कि हम सभी पेड़ लगाने और पानी बचाने के इन प्रयासों का हिस्सा बनें.'
सावन के महीने का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि देश के लोगों की आस्था और यहां की परंपराओं का एक पहलू और भी है कि ये जीवन को गतिशील बनाती हैं. उन्होंने कहा, 'सावन में शिव आराधना के लिए कितने ही भक्त कांवड़ यात्रा पर निकलते हैं. सावन की वजह से इन दिनों 12 ज्योतिर्लिंगों में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. आपको यह जानकार भी अच्छा लगेगा कि बनारस पहुंचने वाले लोगों की संख्या भी रिकॉर्ड तोड़ रही है. अब काशी में हर साल 10 करोड़ से ज्यादा पर्यटक पहुंच रहे हैं.'