नई दिल्ली :प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन बिबेक देबरॉय (Bibek Debroy) का एक लेख सामने आने के बाद से कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां हमलावर हैं. दरअसल देबरॉय ने एक लेख लिखा है जिसमें देश में नए संविधान की जरूरत बताई है.
इसे मुद्दे को भाजपा और संघ से जोड़ते हुए कांग्रेस ने निशाना साधा है. कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष ने संविधान को खत्म करने का बिगुल बजा दिया है, जो हमेशा से संघ परिवार का एजेंडा रहा है.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि 'यह हमेशा संघ परिवार का एजेंडा रहा है. सावधान रहें, भारत!' रमेश ने कहा, 'इस 77वें स्वतंत्रता दिवस पर, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष ने संविधान को खत्म करने का बिगुल बजा दिया है - जिसके डॉ. अंबेडकर प्रमुख वास्तुकार थे. वह चाहते हैं कि देश एक बिल्कुल नए संविधान को अपनाए.'
कांग्रेस ही नहीं, आरजेडी और जेडीयू भी इसे लेकर हमलावर हैं. जेडीयू के राष्ट्रीय सचिव राजीव रंजन ने कहा, बिबेक देबरॉय ने भाजपा और आरएसएस की घृणित सोच को फिर सामने ला दिया है.
साथ ही चेतावनी दी कि इस तरह की कोशिशों को भारत की जनता स्वीकार नहीं करेगी. राजीव रंजन ने बिबेक देबरॉय पर निशाना साधते हुए कहा कि वह चाटुकारिता कर रहे हैं. जेडीयू नेता ने कहा, देबरॉय आर्थिक नीतियों पर विचार व्यक्त नहीं कर पा रहे हैं और जिन विषयों की उनको जानकारी नहीं है उन पर चर्चा कर रहे हैं.