जयपुर में साल 2024 की डीजीपी आईजीपी बैठक जयपुर. देश में हर साल आयोजित होने वाली 58वीं डीजीपी-आईजीपी कॉन्फ्रेंस की मेजबानी इस बार राजस्थान करने जा रहा है. जयपुर में शुक्रवार से शुरू होने वाली इस ऑल इंडिया डीजीपी-आईजी कॉन्फ्रेंस में देशभर के डीजीपी शिरकत कर रहे हैं. इस कांफ्रेंस में भाग लेने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी जयपुर पहुंच गए हैं. इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी जयपुर पहुंचे.
राज्यपाल और सीएम ने किया पीएम का स्वागतःप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय जयपुर दौरे पर पहुंचे. राज्यपाल कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने जयपुर पहुंचने पर हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया. राज्यपाल मिश्र और सीएम ने नरेंद्र मोदी का पुष्पगुच्छ भेंट करके अभिनंदन किया. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारी सुरक्षा काफिले के बीच बीजेपी कार्यालय पहुंचे. यहां पर उनका राजस्थानी परंपरा के साथ सफा बनाकर स्वागत किया गया.
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शाह विशेष विमान से पहुंचे जयपुरःवहीं, अमित शाह वायुसेना के विशेष विमान से जयपुर पहुंचे. उनके साथ केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा, नित्यानंद राय, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निसिथ प्रामाणिक भी जयपुर पहुंचे हैं. एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी, मंत्री किरोड़ी लाल मीणा, सांसद रामचरण बोहरा ने अतिथियों अगवानी की. कड़े सुरक्षा इंतजाम के बीच अमित शाह का काफिला हवाई अड्डे से राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर पहुंचा. जहां वे डीजी-आईजी कॉन्फ्रेंस में शिरकत कर रहे हैं. राजस्थान में भजनलाल सरकार बनने के बाद प्रदेश में यह पहला बड़ा आयोजन होने जा रहा है. 5 जनवरी से 7 जनवरी तक चलने वाली यह कॉन्फ्रेंस राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में होगी.
पुलिस महानिदेशक और महानिरीक्षक सम्मेलन में राष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा को लेकर चर्चा की जानी है. इस दौरान देशभर से आए अधिकारी आतंकवाद और उग्रवाद से निपटने के अलावा साइबर सुरक्षा जैसे कई मुद्दों पर चर्चा करने वाले हैं. कॉन्फ्रेंस में सीमाओं पर सुरक्षा मजबूत करने, साइबर अपराध पर लगाम कसने, आतंकवाद के खात्मे, जेलों में सुधार, वामपंथी उग्रवाद या नक्सलवाद पर अंकुश लगाने के साथ ही नशीले पदार्थों की तस्करी रोकने के उपायों पर सुझावों के साथ मंथन करेंगे. इस दौरान बेहतर पुलिसिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा के कई अन्य पहलुओं पर भी चर्चा की जाएगी.
ये है DGP IGPसम्मेलन का मकसद : हर साल देश में अलग-अलग जगहों पर होने वाले इस आयोजन में पुलिसिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर बात होती है. यहां पर चुनिंदा मसलों जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर के पुलिस और खुफिया अधिकारियों के प्रेजेंटेशन पर व्यापक विचार-विमर्श होता है. इस सम्मेलन को देश के गृह मंत्री के नेतृत्व में चिंतन के लिए जाना जाता है, जहां प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री, केंद्रीय गृह सचिव, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस महानिदेशक और महानिरीक्षक भाग लेते हैं. साथ ही केंद्रीय पुलिस संगठनों और केंद्रीय सशस्त्र बलों के प्रमुख भी शामिल होते हैं.
सरदार पटेल ने किया था आगाज : इंटेलिजेंस ब्यूरो ने साल 1920 में भारत में पहला आईजीपी सम्मेलन आयोजित किया था. इसके बाद यह सम्मेलन लगातार कई सालों तक नई दिल्ली में होता रहा. देश की आजादी के बाद इस तरह के पहले सम्मेलन का उद्घाटन 12 जनवरी 1950 को देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने किया था. शुरुआत में यह एक द्विवार्षिक आयोजन था, जिसे साल 1973 के बाद से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस संगठनों और केंद्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुखों के लिए वार्षिक सम्मेलन के रूप में आयोजित किया जाने लगा. साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कॉन्फ्रेंस को पूरे देश में आयोजित करने का फैसला लिया, जिसके बाद यह कार्यक्रम हर साल देश के अलग-अलग राज्यों में आयोजित किया जाता है.