भोपाल : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का मध्य प्रदेश से गहरा नाता रहा है. लिहाजा प्रदेश के हिन्दी विश्वविद्यालय का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया. देश का पहला वर्ल्ड क्लास प्राइवेट रेलवे स्टेशन भी अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर हो, इसे लेकर बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने हबीबगंज का नाम बदलने की मांग पीएम से की थी.
जानकारों का मानना है कि 15 नवंबर को प्रधानमंत्री भोपाल के वर्ल्ड क्लास स्टेशन का उद्घाटन करेंगे तो उसी दौरान उसका नाम भी बदल दिया जाएगा.
साध्वी प्रज्ञा ने हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलने की मांग की
भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह लोकसभा चुनाव के दौरान अपने बयानों से विवादों में रहीं. नाथूराम गोडसे को देशभक्त करार देने के बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वह प्रज्ञा सिंह को कभी माफ नहीं करेंगे. लेकिन अब चुनाव भी गुजर चुके हैं. इस बात को लेकर सियासी गलियारों में यह चर्चा भी गर्म हो गई है कि क्या देश के प्रधानमंत्री ने साध्वी प्रज्ञा को माफ कर दिया है. क्या उनकी मांग को प्रधानमंत्री स्वीकार कर लेंगे.
फिलहाल नाम बदलने का विचार नहीं
लेकिन अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक अभी फिलहाल नाम बदलने को लेकर कोई सरकारी कार्यवाही नहीं हुई है. अधिकारी कहते हैं कि ये तो उसी दिन पता चलेगा कि प्रधानमंत्री स्टेशन का नाम बदलने की घोषणा करते हैं या नहीं. नाम बदलने को लेकर अभी बीजेपी कुछ भी बोलने से बच रही है. बीजेपी सांसद वीडी शर्मा ने कहा कि 15 तारीख को नरेंद्र मोदी हबीबगंज स्टेशन का उद्घाटन करेंगे लेकिन नाम बदलने की बात का जवाब नहीं दिया.
पहले भी बीजेपी के लोग हबीबगंज का नाम बदलने की मांग कर चुके हैं
1999 -2000 में जब कांग्रेस महापौर विभा पटेल थी तब बीजेपी ने नगर निगम में हबीबगंज का नाम राजा भोज किए जाने का प्रस्ताव नगर निगम में पास किया था. बीजेपी के पूर्व विधायक शैलेंद्र प्रधान ने भी स्टेशन का नाम बदलकर राजा भोज करने की मांग की थी. प्रभात झा, जो कि राज्यसभा सदस्य रहे उन्होंने हबीबगंज का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से करने की मांग की थी. इसके बाद साध्वी प्रज्ञा भी नाम बदलने की फेहरिस्त में कूद पड़ी. उन्होंने अपना दावा बतौर सांसद तो किया ही लेकिन साथ ही वे रेलवे संसदीय स्थाई समिति की सदस्य भी हैं.
हबीबगंज का मतलब प्यारा शहर
भोपाल के हबीबगंज स्टेशन का नाम मुगल काल में शाहजहां की बेगम ने दिया था. बेगम ने सुंदरता हरियाली और झीलों को देखकर हबीबगंज नाम दिया था. यह फारसी शब्द है, जिसका मतलब होता है प्यारा शहर.