केदारनाथ: पीएम नरेंद्र मोदी शुक्रवार को केदारनाथ धाम पहुंचे, जहां उन्होंने 130 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्धाटन किया. पीएम ने इस दौरान लोगों को संबोधित भी किया.
पीएम मोदी ने 'जय बाबा केदार' के उद्घोष के साथ अपने संबोधन की शुरुआत की है.
अब पहाड़ के काम आएगा पहाड़ का पानी और जवानी: मोदी
केदारनाथ में पीएम मोदी ने कहा कि कहा जाता है कि पहाड़ का पानी, पहाड़ की जवानी कभी पहाड़ के काम आता नहीं. अब पानी भी पहाड़ के काम आएगी. जवानी भी पहाड़ के काम आएगी. उत्तराखंड से पलायन को रोकना है. अगला दशक उत्तराखंड का है. मोदी बोले यहां पर्यटन को काफी बढ़ने वाला है. मोदी ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए उत्तराखंड में चार धामों से सड़क संपर्क और हेमकुंड साहिब के पास रोपवे सहित कई बुनियादी ढांचागत कार्यों की योजना है. यह दशक उत्तराखंड का है. अगले 10 वर्षों में, राज्य में पिछले 100 वर्षों की तुलना में अधिक पर्यटक आएंगे.
समय के दायरे में बंधकर भयभीत होना अब भारत को मंजूर नहीं: मोदी
पीएम ने कहा कि अब देश अपने लिए बड़े लक्ष्य तय करता है, कठिन समय सीमाएं निर्धारित करता है, तो कुछ लोग कहते हैं कि -इतने कम समय में ये सब कैसे होगा! होगा भी या नहीं होगा! तब मैं कहता हूं कि - समय के दायरे में बंधकर भयभीत होना अब भारत को मंजूर नहीं है. कई सन्यांसी हुए हैं जिन्होंने छोटे से कालखंड में युगों को गढ़ दिया. भारत इन महान विभूतियों की प्रेरणा पर चलता है. मोदी बोले कि लोग युवा पीढ़ी को स्वाधीनता संग्राम से जुड़े स्थानों के साथ-साथ केदारनाथ और इस जैसे अन्य पवित्र स्थानों पर भी लेकर जाएं.
आदि शंकराचार्य ने सबकुछ त्यागकर सशक्त परंपरा खड़ी की: मोदी
पीएम बोले कि आदि शंकराचार्य ने पवित्र मठों की स्थापना की, चार धामों की स्थापना की, द्वादश ज्योतिर्लिंगों का पुनर्जागरण का काम किया.
आदि शंकराचार्य ने सबकुछ त्यागकर सशक्त परंपरा खड़ी की: मोदी
केदारनाथ में पीएम बोले कि आदि शंकराचार्य ने पवित्र मठों की स्थापना की, चार धामों की स्थापना की, द्वादश ज्योतिर्लिंगों का पुनर्जागरण का काम किया. आदि शंकराचार्य सबकुछ त्यागकर देश, समाज और मानवता के लिए जीने वालों के लिए एक सशक्त परंपरा खड़ी की. उन्होंने कहा कि वह केदारनाथ में हो रहे विकास कार्यों पर लगातार दिल्ली से नजर बनाकर रखते थे. वह ऐसा ड्रोन फुटेज के जरिए किया करते थे. विकास कार्यों में दिशा दिखाने के लिए पीएम ने वहां के सभी रावल-पुरोहितों का धन्यवाद किया.
पीएम ने बताया शंकर का 'अर्थ'
केदारनाथ में पीएम मोदी ने कहा कि शंकर का संस्कृत में अर्थ है- 'शं करोति सः शंकरः', यानी जो कल्याण करे, वही शंकर है. इस व्याकरण को भी आचार्य शंकर ने प्रत्यक्ष प्रमाणित कर दिया. उनका पूरा जीवन जितना असाधारण था, उतना ही वो जन-साधारण के कल्याण के लिए समर्पित थे.