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PM Modi US Visit : एक नजर में जानें पीएम मोदी की इस यात्रा से भारत को क्या मिला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूएस यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक और राजनयिक संबंधों को मजबूत करने के लिए रक्षा, प्रौद्योगिकी, माइक्रोचिप्स और वीजा नवीनीकरण सहित कई समझौतों की घोषणा की गई है. आइए जानते हैं पीएम मोदी के इस दौरे से देश को क्या हासिल हुआ.

PM Narendra Modi and President Biden
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन

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Published : Jun 23, 2023, 5:08 PM IST

नई दिल्ली :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजकीय यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका ने आर्थिक और राजनयिक संबंधों को मजबूत करने के लिए रक्षा, प्रौद्योगिकी, माइक्रोचिप्स और वीजा नवीनीकरण सहित कई समझौतों की घोषणा की है. एमक्यू9-रीपर ड्रोन की खरीद और भारत में जीई 414 जेट इंजन के सह-उत्पादन के लिए जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के बीच एक समझौते की घोषणा भी की गई है. आइए समझौतों पर नजर डालते हैं.

रक्षा क्षेत्र : भारत को मिलेंगे प्रीडेटर ड्रोन :मोदी और बाइडेन के बीच जनरल एटॉमिक्स द्वारा बनाए गए एमक्यू-9बी सीगार्जियन ड्रोन के सौदे पर भी चर्चा हुई. जनरल एटॉमिक्स एमक्यू-9 रीपर ड्रोन डील का एलान किया गया. भारत तीस MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन खरीदेगा. 14 ड्रोन नौसेना को मिलेंगे, जबकि एयरफोर्स और आर्मी को 8-8 ड्रोन मिलेंगे. इस ड्रोन के मिलने से भारत का निगरानी तंत्र काफी मजबूत हो जाएगा. भारत पहले से दो ड्रोन इस्तेमाल कर रहा है.

देश में लड़ाकू जेट विमान इंजन बनेंगे : जनरल इलेक्ट्रिक ने कहा कि उसने रक्षा और प्रौद्योगिकी में सुधार के प्रयास के तहत तेजस हल्के लड़ाकू विमान के लिए इंजन बनाने के लिए भारतीय कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ संयुक्त रूप से F414 इंजन बनाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. यानी स्वदेशी जेट बनाने वाले भारत के हाथ अब जेट इंजन बनाने की तकनीक आने वाली है. भारत देश में ही जेट इंजन बना सकेगा.

व्यापार क्षेत्र : तकनीकी व्यापार बढ़ाएंगे :भारत और अमेरिका ने द्विपक्षीय वाणिज्य, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, सेमीकंडक्टर, 5जी और 6जी दूरसंचार और ओपन सोर्स आधारित दूरसंचार नेटवर्क, क्वांटम और उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग आदि के क्षेत्र में प्रौद्योगिकियों के संयुक्त विकास को बढ़ावा देने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं.

साझा बयान में कहा गया है कि दोनों सरकारें अधिक प्रौद्योगिकी साझाकरण, सेमीकंडक्टर, 5जी और 6जी दूरसंचार नेटवर्क, क्वांटम और हाई-एंड कंप्यूटिंग के साथ सह-उत्पादन के अवसरों को सुविधाजनक बनाने के उपायों पर ध्यान केंद्रित करेंगी.

अमेरिकी मेमोरी चिप कंपनी माइक्रोन टेक्नोलॉजी, गुजरात में एक नई चिप असेंबली और परीक्षण सुविधा में निवेश करेगी. इससे सीधे तौर पर पांच हजार नौकरियां पैदा होंगी. दोनों नेताओं ने इसका स्वागत किया.

अंतरिक्ष क्षेत्र : आर्टेमिस समझौते पर हस्ताक्षर :भारत ने आर्टेमिस समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इसके बाद भारत शांतिपूर्ण और पारदर्शी सहयोग के लिए प्रतिबद्ध 26 अन्य देशों में शामिल हो गया है जो चंद्रमा, मंगल और उससे आगे की खोज को सक्षम करेंगे. नासा 2024 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एक संयुक्त प्रयास शुरू करने के लक्ष्य के साथ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अंतरिक्ष यात्रियों को उन्नत प्रशिक्षण प्रदान करेगा. मोदी और बाइडेन ने पृथ्वी और अंतरिक्ष विज्ञान और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों पर बढ़ते सहयोग की सराहना की. उन्होंने 2023 के अंत तक मानव अंतरिक्ष उड़ान सहयोग के लिए एक रणनीतिक ढांचा विकसित करने के नासा और इसरो के फैसले का स्वागत किया.

सुरक्षा क्षेत्र, एआई पर जोर :दोनों नेताओं ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (artificial intelligence) शिक्षा और कार्यबल पहलों को आगे बढ़ाने, व्यावसायिक अवसरों को बढ़ावा देने और भेदभाव और पूर्वाग्रह को कम करने के लिए जेनरेटिव एआई सहित भरोसेमंद और जिम्मेदार एआई पर संयुक्त और अंतरराष्ट्रीय सहयोग विकसित करने की प्रतिबद्धता जताई. भारत और अमेरिका ने संयुक्त क्वांटम समन्वय तंत्र की स्थापना की है. यह दोनों देशों के बीच एक व्यापक क्वांटम सूचना विज्ञान और प्रौद्योगिकी समझौते की दिशा में काम करेगा.

कूटनीति, दो वाणिज्य दूतावास खोलेगा अमेरिका :इसके साथ ही दोनों देशों में कूटनीतिक रिश्ते और आगे बढ़ाने के लिए भी कदम उठाया गया है. व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा गया कि दोनों देशों के बीच संपर्क को और बढ़ावा देने के लिए अमेरिका भारत में दो वाणिज्य दूतावास खोलेगा. एक वाणिज्य दूतावास बेंगलुरु में जबकि दूसरा अहमदाबाद में खोला जाएगा.

वीजा नियमों में ढील :अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अमेरिका नवीकरणीय एच-1बी वीजा की शुरुआत करने वाला है. इससे हजारों भारतीय पेशेवरों को अमेरिका में रुकने और नौकरी करने में मदद मिलेगी. उन्हें अपने 'कार्य वीजा' के नवीनीकरण के लिए स्वदेश की यात्रा नहीं करनी पड़ेगी. दरअसल एच-1बी वीजा एक अप्रवासी वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को विशेषज्ञता वाले पेशों में विदेशी श्रमिकों को नियुक्त करने की अनुमति देता है.

अमेरिका ने पिछले वर्ष भारतीय छात्रों को सवा लाख वीजा जारी किए थे, जो कि एक रिकॉर्ड है और पिछले वर्ष इस संख्या में 20 प्रतिशत वृद्धि होने के साथ अमेरिका में सर्वाधिक संख्या वाले विदेशी छात्र समुदाय बनने की दिशा में वे आगे बढ़ रहे हैं.

भारत ने बादाम, अखरोट समेत 28 अमेरिकी उत्पादों से सीमा शुल्क हटाया :भारत और अमेरिका विश्व व्यापार संगठन में छह व्यापार विवादों को समाप्त करने पर राजी हुए हैं. भारत बादाम, अखरोट और सेब जैसे 28 अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी सीमा शुल्क हटा देगा. दरअसल 2018 में, अमेरिका ने राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर कुछ स्टील और एल्यूमीनियम उत्पादों पर क्रमशः 25 प्रतिशत और 10 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया था. जवाबी कार्रवाई में, भारत ने जून 2019 में चना, दाल, बादाम, अखरोट, सेब, बोरिक एसिड और डायग्नोस्टिक अभिकर्मकों सहित 28 अमेरिकी उत्पादों पर सीमा शुल्क लगा दिया था.

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