नई दिल्ली: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा बहुत महत्वपूर्ण है. इससे अधिक उपयुक्त समय और नहीं आ सकता था जब अमेरिका को अफगानिस्तान से सेना वापस लेने के तरीके के लिए गंभीर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. ये बातें भारत के पूर्व राजदूत और कूटनीति विशेषज्ञ, एसोसिएशन ऑफ इंडियन डिप्लोमैट्स, रिसर्च इंफॉर्मेशन सिस्टम्स और एंबेसडर क्लब ऑफ पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्य जितेंद्र त्रिपाठी ने कहीं.
उन्हाेंने कहा कि प्रधान मंत्री मोदी की संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा के लिए इससे अधिक उपयुक्त समय पर नहीं हो सकती थी जब संयुक्त राज्य अमेरिका को अफगानिस्तान से अपनी सेना वापस लेने के लिए कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.
अफगानिस्तान अभी भी तालिबान के अत्याचारों से जूझ रहा है, जो अब तक चीन और संरक्षक पाकिस्तान सहित देशों से मान्यता प्राप्त करने में विफल रहा है. आतंकवाद फिर से अपने पंख फैला रहा है.
पूर्व राजदूत त्रिपाठी ने ईटीवी भारत के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेने, द्विपक्षीय बैठकें और संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76 वें सत्र को संबोधित करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा पर रवाना हुए हैं. अपने प्रस्थान से पहले एक बयान में उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका की उनकी यात्रा संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने का एक अवसर होगा.