जयपुर:राज्यों में पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने को लेकर एक बार फिर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. इसकी वजह है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कोविड-19 समीक्षा बैठक के दौरान सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा कि केंद्र सरकार के आग्रह के बाद भी कुछ राज्यों ने आम जनता को महंगाई से राहत देने के लिए पेट्रोल-डीजल की रेट में कटौती नहीं की. केंद्र का निशाना उन कांग्रेस शासित राज्यों पर है जहां वैट में कटौती नहीं की गई है. इनमें राजस्थान भी शामिल है.
मोदी ने बुधवार को कोविड संकट पर मुख्यमंत्रियों से बात करते हुए खुले तौर पर कहा कि राज्यों ने वैट नहीं घटाया. जिसकी वजह से उन राज्यों में पेट्रोल-डीजल के दाम उनके पड़ोसी राज्यों की तुलना में ज्यादा हैं. मोदी ने कहा कि पिछले साल नवंबर में केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाई थी और राज्यों से वैट कम करने को कहा था. लेकिन कई राज्यों ने ऐसा नहीं किया. मोदी बोले,'मैं किसी की आलोचना नहीं कर रहा हूं. बल्कि आपके राज्य के लोगों की भलाई के लिए प्रार्थना कर रहा हूं.
इन राज्यों पर निशाना: पीएम मोदी ने कुछ उदाहरण भी गिनाए. वह बोले कि चेन्नई में पेट्रोल 111 रुपए, जयपुर में 118 से भी ज्यादा, हैदराबाद में 119 से ज्यादा, कोलकाता में 115 से ज्यादा और मुंबई में 120 से ज्यादा हैं. ये उन राज्यों के शहर हैं जिन्होंने वैट में कटौती नहीं की. बता दें कि पिछले दिनों केंद्र सरकार के पेट्रोल और डीजल पर वैट करने के फैसले के बाद दबाव में आई राजस्थान सरकार ने भी वैट घटाया था. 16 नवंबर को कैबिनेट में राजस्थान सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर वैट घटाने का फैसला किया था. इसके बाद ईंधन की कीमतों में 4 से 5 रुपए की कमी आई. इससे राज्य सरकार को 3500 करोड़ रुपए वार्षिक राजस्व की हानि वहन करनी पड़ रही है.