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मिट गया गुलामी का प्रतीक 'राजपथ', आज 'कर्तव्य पथ' के रूप में नए इतिहास का सृजन: पीएम मोदी - आज कर्तव्य पथ के रूप में नए इतिहास का सृजन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आज सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना (Central Vista Redevelopment Project) का उद्घाटन किया. पीएम ने इंडिया गेट के पास नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 28 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया और कर्तव्य पथ का भी उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने राजपथ को गुलामी का प्रतीक बताया. पढ़िए पूरी खबर...

Central Vista
सेंट्रल विस्टा

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Published : Sep 8, 2022, 7:07 PM IST

Updated : Sep 8, 2022, 10:11 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने गुरुवार को 'राजपथ' को गुलामी का प्रतीक करार दिया और कहा कि 'कर्तव्य पथ' भारत के लोकतांत्रिक अतीत और सर्वकालिक आदर्शों का जीवंत मार्ग है. राष्‍ट्रपति भवन से इंडिया गेट के बीच के मार्ग 'कर्तव्‍य पथ' का उद्धाटन और इंडिया गेट के पास स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य प्रतिमा का अनावरण करने के बाद प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आज का 'ऐतिहासिक और अभूतपूर्व' अवसर गुलामी की मानसिकता के परित्याग का पहला उदाहरण नहीं है और ना ही शुरुआत और अंत ही है.

मिट गया गुलामी का प्रतीक 'राजपथ'

उन्होंने कहा, 'ये मन और मानस की आजादी का लक्ष्य हासिल करने तक निरंतर चलने वाली संकल्प यात्रा है.' प्रधानमंत्री ने कहा कि गुलामी का प्रतीक किंग्स-वे यानि राजपथ आज से इतिहास की बात हो गया है और हमेशा के लिए मिट गया है. उन्होंने कहा, 'आज कर्तव्य पथ के रूप में नए इतिहास का सृजन हुआ है. मैं सभी देशवासियों को आजादी के इस अमृतकाल में गुलामी की एक और पहचान से मुक्ति के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं.' प्रधानमंत्री ने कहा कि 'कर्तव्य पथ' के उद्घाटन और नेताजी की प्रतिमा के अनावरण से आजादी के अमृत महोत्सव में देश को आज एक नई प्रेरणा और नई ऊर्जा मिली है.

उन्होंने कहा, 'आज हम गुजरे हुए कल को छोड़कर, आने वाले कल की तस्वीर में नए रंग भर रहे हैं. आज जो हर तरफ ये नई आभा दिख रही है, वो नए भारत के आत्मविश्वास की आभा है.' प्रधानमंत्री ने नेताजी की प्रतिमा के अनावरण का उल्लेख करते हुए कहा कि पहले वहां गुलामी के समय ब्रिटिश राजसत्ता के प्रतिनिधि की प्रतिमा लगी हुई थी लेकिन आज देश ने उसी स्थान पर नेताजी की प्रतिमा की स्थापना करके आधुनिक और सशक्त भारत की प्राण प्रतिष्ठा भी कर दी है. उन्होंने कहा, 'यह अवसर ऐतिहासिक है, अभूतपूर्व है.'

प्रधानमंत्री ने नेताजी को ऐसा 'महामानव' बताया जो पद और संसाधनों की चुनौती से परे थे और जिनकी स्वीकार्यता ऐसी थी कि पूरा विश्व उन्हें नेता मानता था. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि ऐसे साहसी, स्वाभिमानी, दूरदृष्टि, विचार, नेतृत्व की क्षमता और नीतियों का ज्ञान रखने वाले नेताजी को आजादी के बाद भुला दिया गया और उनके विचारों को तथा उनसे जुड़े प्रतीकों तक को नजरअंदाज कर दिया गया. उन्होंने कहा, 'हमारा भारत सुभाष बाबू की राह पर चला होता तो आज देश कितनी ऊंचाइयों पर होता.'

बजट पेश करने की तारीख से लेकर अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे सैकड़ों कानूनों को बदले जाने और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए देश की क्षेत्रीय भाषाओं को तरजीह दिए जाने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में एक के बाद एक ऐसे निर्णय लिए गए हैं, जिन पर नेताजी के आदर्शों और सपनों की छाप है. उन्होंने कहा, 'आज भारत के आदर्श अपने हैं, आयाम अपने हैं. आज भारत के संकल्प अपने हैं, लक्ष्य अपने हैं. आज हमारे पथ अपने हैं, प्रतीक अपने हैं.'

तैयारी में जुटे थे सुरक्षाकर्मी व कलाकार

बोस की प्रतिमा उसी स्थान पर स्थापित की गई है, जहां इस साल की शुरुआत में पराक्रम दिवस (23 जनवरी) के अवसर पर नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया गया था. इस होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण नेताजी की 125वीं जयंती के अवसर पर किया गया था. राष्‍ट्रपति भवन से इंडिया गेट के बीच के मार्ग 'कर्तव्‍य पथ' को मोदी सरकार की महत्‍वाकांक्षी सेंट्रल विस्‍टा पुनर्विकास परियोजना के अंतर्गत पुनर्निमित किया गया है.

ज्ञात हो कि नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय से मिले एक प्रस्ताव को पारित कर 'राजपथ' का नाम बदलकर उसे 'कर्तव्य पथ' किया है. अब इंडिया गेट पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा से लेकर राष्ट्रपति भवन तक पूरे इलाके को 'कर्तव्य पथ' कहा जाएगा. राजपथ और सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के आसपास के इलाकों में भीड़ के कारण बुनियादी ढांचे पर पड़ते दबाव और सार्वजनिक शौचालय, पीने के पानी, स्ट्रीट फर्नीचर और पार्किंग स्थल की पर्याप्त व्यवस्था जैसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव के कारण राजपथ का पुनर्विकास किया गया है. इसमें वास्तु शिल्प का चरित्र बरकरार रखा गया है.

कर्तव्य पथ बेहतर सार्वजनिक स्थानों और सुविधाओं से युक्त होगा, जिसमें पैदल रास्ते के साथ लॉन, हरे-भरे स्थान, नवीनीकृत नहरें, मार्गों के पास लगे बेहतर बोर्ड, नयी सुविधाओं वाले ब्लॉक और बिक्री स्टॉल होंगे.इसके अलावा इसमें पैदल यात्रियों के लिए नए अंडरपास, बेहतर पार्किंग स्थल, नए प्रदर्शनी पैनल और रात्रि के समय आधुनिक लाइट से लोगों को बेहतर अनुभव होगा. इसमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, भारी वर्षा के कारण एकत्र जल का प्रबंधन, उपयोग किए गए पानी का पुनर्चक्रण, वर्षा जल संचयन और 'ऊर्जा कुशल प्रकाश व्यवस्था' जैसी अनेक दीर्घकालिक सुविधाएं शामिल हैं.

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Last Updated : Sep 8, 2022, 10:11 PM IST

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